आर्यन शेख़ अय्यूब ज़िला ब्यूरो
बुरहानपुर (नि.प्र.) 2 अक्टूबर आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दोनों की जयंती है। एक बार महात्मा गांधी को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर ने अपनी आगंतुक पुस्तिका भरने के लिए कहा, गांधीजी ने इसे भरते समय व्यवसाय, ‘किसान’ कॉलम के तहत संकेत दिया। लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया। बाद में श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय जवान और जय किसान में जय विज्ञान जोड़ा। गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता भगत ने गांधीवादी विचारधारा के समर्थक जिले के प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष शिवकुमारसिह कुशवाहा का सम्मान किया और कहा हमारा देश कृषि प्रधान देश है इस अवसर पर किसान कुशवाहा जी ने कहा जी जिस प्रकार महात्मा गांधी जी ने बिना हथियारों के एक लाठी से अंग्रेजों का सामना किया और देश को आजादी दिलाई सरकार कोई भी बने किसानों के लिए ऐसी योजनाएं बनाएं जिससे पूरे देश में जो आज किसान आत्महत्या कर रहा है बंद होगी उसकी फसल का उसे पूरा पैसा मिलने लगेगा और महात्मा गांधी ने इस बात पर जोर हमेशा दिया कि असली भारत गांवों में बसता है और गांव ही किसानों का मुख्य घर है। मुझे उम्मीद है कि इस अवसर पर खेती को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने की आवश्यकता के बारे में अधिक जन जागरूकता होगी तभी गांधीजी और लाल बहादुर शास्त्री के संदेश सही मायनो में साकार होंगा। देंश के किसानों का सम्मान कर आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जैसे महान नायको को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि समर्पित होंगी इस अवसर पर महिला अध्यक्ष सरिता भगत अर्चना चितारे गेंदु बाई आशीष भगत अरुण महाराज सिद्धार्थ व्यास आदि लोग उपस्थित थे