उमरिया – पारिवारिक जवाबदारियों को निभाते हुए सरिता एक अच्छी बहु, अच्छी पत्नी, अच्छी मां बनी लेकिन अभी कुछ कमी लग रही थी। क्योंकि सरिता सारे रिश्तो को निभाते हुए अपनी खुद की पहचान बनाना चाहती थी। वह अपनी शिक्षा का सदुपयोग करना चाहती थी। ताकि वह आत्मनिर्भर बनकर अपना एवं अपने परिवार को आगे बढ़ा सके।
सरिता का यह सपना आजीविका मिशन में समूह में जुड़ने के बाद साकार हो गया। सरिता जायसवाल पति राजेंद्र जायसवाल सरस्वती आजीविका स्व सहायता समूह में अध्यक्ष हैं एवं और जीविका ग्राम संगठन बड़वानी में अध्यक्ष हैं मिशन एवं अधिकारियों के मार्गदर्शन से सरिता ैभ्ळ एवं टव् का कार्य अच्छे से कर रही थी।फिर जिले द्वारा 1- जीपी- 1बी सी योजना द्वारा सरिता को यह अवसर प्राप्त हुआ और वह 7 दिवसीय प्रशिक्षण हेतु स्टेट बैंक स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र(त्ैम्ज्प्) उमरिया में बीसी सखी का प्रशिक्षण प्राप्त की प्रशिक्षण उपरांत सरिता ने ब्.ब्.स्. से 50000 रुपए की ऋण राशि लेकर लैपटॉप लिया और अपने घर पर ऑनलाइन का कार्य प्रारंभ किया। सरिता ने अभी 300 ई श्रम कार्ड सी एस सीआईडी से बनाया है।
इसके साथ ही 80000 रुपए का ट्रांजक्शन भी किया है। समूह की दीदियों को अब पैसे जमा करने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ता है। बुजुर्गों को पेंशन निकालने के लिए भी बैंक नहीं जाना पड़ता है। यह सारे काम सरिता की ऑनलाइन शॉप में ही संभव हो जाता है। इन कार्यों से सरिता को अच्छी आए भी हो रही है। और वह समूह के हर दीदी के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई है। सरिता और उसका परिवार आजीविका मिशन का आभार व्यक्त करता है।.
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