रिपोर्टर सुजान मुझाल्दा
कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में गणपुर चौकड़ी, खंडवा, निंबोल, लोहारी धुलसर,लोंगसरी डेहरी आदि क्षेत्रों में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया आदिवासी स्वाभिमान यात्रा मे क्षेत्रीय *विधायक सुरेंद्र सिंह हनी बघेल* एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रत भुरिया व साथी टेकाराम कांग्रेस ने जमकर भाजपा पर निशाना साधा आदिवासी समुदाय कि आवाज को उठाने के लिए निकाली जा रही है। इस यात्रा का मकसद आदिवासी समाज पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों, आदिवासी समाज को भारतीय संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का हनन और ‘जल, जंगल, जमीन आदिवासी समाज से छीनकर, आदिवासी समाज कि पहचान खत्म करने कि कोशिशों का शांतिपूर्ण विरोध, स्वाभिमान यात्रा के रूप में किया जा रहा है।आदिवासी स्वाभिमान यात्रा आदिवासी समुदाय कि आवाज को उठाने के लिए निकाली जा रही है। इस यात्रा का मकसद आदिवासी समाज पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों, आदिवासी समाज को भारतीय संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का हनन और ‘जल, जंगल, जमीन आदिवासी समाज से छीनकर, आदिवासी समाज कि पहचान खत्म करने कि कोशिशों का शांतिपूर्ण विरोध, स्वाभिमान यात्रा के रूप में किया जा रहा है।आदिवासी स्वाभिमान यात्रा आदिवासी लोगों के सम्मान और उन्हें महत्व देने के उद्देश्य से शुरू कि जा रही है। यह यात्रा हमें आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए खड़े होने और यह सुनिश्चित करने की अनुमति देती है कि उनके साथ सम्मान और समानता का व्यवहार किया जाए। जिस प्रकार से सीधी में एक आदिवासी नागरिक पर अमानवीय कार्य हुआ वह इंसानियत को तार-तार करने वाला है। यह यात्रा आदिवासी समुदाय की सहायता और समर्थन पर केंद्रित है। प्रत्येक शिक्षित समूह का इरादा अपने अधिकारों के बारे में जागरूकता की गारंटी देना और उचित उपचार सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त यह यात्रा उन्हें अपने जीवन को बेहतर बनाने और दूसरों से सम्मान अर्जित करने में सहायता करेगी।इस यात्रा का मुख्य संदेश, आदिवासी समुदाय को अपने लिए खड़ा होना चाहिए और जो सही है उसके लिए लड़ना चाहिए। वे देश के बाकी सभी लोगों के समान अधिकारों के हकदार है। यह यात्रा उन्हें इस बात पर गर्व महसूस कराने के लिए है कि वे कौन हैं। आदिवासी समुदाय को उनके स्वाभिमान व अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। यह उनका अधिकार है जो उन्हें देश के अन्य नागरिकों के समानांतर बनाता है। इस यात्रा के माध्यम से उनके स्वाभिमान को बढ़ावा देने और उनके अधिकारों को लेकर जागरुकता फैलाने का उद्देश्य है। सभी आदिवासी समूह के प्रति दयालु और निष्णक्ष रहें और उनके नियमों एवं स्वतंत्रताओं के बारे में जानने का प्रयास करें।