देवेश पाण्डेय सुदर्शन टुडे सिलवानी
सिलवानी:- तहसील के ग्राम मुआर में सप्त दिवसीय शिव महापुराण का आयोजन किया जा रहा है ।यह आयोजन ग्राम के प्राचीन खिरका मंदिर पर किया जा रहा है ।शिव महापुराण की महिमा का वर्णन करते हुए पंडित राजेंद्र प्रसाद शास्त्री जी निवासी चौरास ने तृतीय दिवस कहा कि यह संसार परमात्मा की इच्छा से निर्मित हुआ है। संपूर्ण जीव चराचर की संरचना में भगवान शिव ही समाहित हैं ,वही इस संसार के मूल तत्व के रूप में विद्यमान हैं, उन से परे कुछ भी नहीं है । शिव तत्व का ज्ञान मानव को अपने जीवन में प्राप्त करके ,शिव की शरण में स्वयं को संलग्न करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति शिवपुराण की कथा का श्रवण करता है, उसे अपने आप भगवान शिव की कृपा अनुभूति प्राप्त हो जाती है । इस विकराल कलिकाल में शिव महापुराण ही भगवान शिव का विग्रह स्वरूप है, इसकी कथा सुनने से व्यक्ति के जीवन में, सुख ,समृद्धि ,यश वैभव अपने आप प्राप्त हो जाता है। व्यक्ति को चाहिए कि बहुत निष्ठा के साथ ,भगवान शिव के कथामृत का दिव्य पान ,बड़े मनोयोग से करें । ै शिव पुराण के अनुसार ओम्कारेश्वर में स्वयं भू शिव लिंग है। एवं शिव लिंग किसी भी धातु के पारा चादी ,,पारे तांबे,लकड़ी से बनाया हुआ शिव लिंग ,भी पूजन कर सकरे है।कलयुग में मिट्टी के द्वारा बनाया गया शिव लिंग श्रेष्ठ है। एवं पूजन अभिषेक करना चाइये। उनका विर्सजन, बहते हुए जल में,या गहरे गड्ढे में या गहरे पानी मे करना चाइये ,यदि ऐसा नही करता जीव तो पाप का भागी होता है।
सोमबार ,एवं शिवरात्रि को शिव का अर्चना जरूर करना चाइये। पूरे बर्ष का फल प्राप्त होता हॉ। कलयुग में सबसे बड़ा दोष अन्य एवं सिर के बालो में दोष होता है।दूध,दही, गाय का गोबर आदि से पँचगब बनाकर शुद्ध करके पूजन करना चाइये।।
गलत जगह से कमाया हुआ धन बुद्धि भरष्ट कर देता है। अतः धन शुद्धि करन से ही कमान चाइये।कथा आयोजकों ने धर्म प्रेमी सज्जनों से माताओं बहनों से अधिक से अधिक संख्या में कथा में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।।