नवीन सोनी सुदर्शन टुडे सारनी।
बाघ के नजर आने से वन विभाग हुआ और भी सतर्क
नगर में तीसरी बार टाइगर के मूवमेंट को लेकर लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। इस बार भी वार्ड क्रमांक 12 और 13 के क्षेत्र में टाइगर को देखा गया है। गुरुवार की रात्रि में पावर प्लांट के कोल हैंडलिंग यार्ड में टाइगर का मुवमेंट हुआ था। यहा काम करने वाले कर्मचारी रात्रि में आग जलाकर ड्यूटी पर तैनात थे। वही दिन भर ऑफिसर कॉलोनी के में डर का माहौल व्याप्त है। बाघ को ट्रैक करने के लिए शुक्रवार 2 जून को दोपहर में वन विभाग राजस्व पुलिस नगरपालिका एमपीपीजीसीएल सहित अन्य विभागों की बैठक संपन्न हुई। जिसमें मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त बेतूल,मुख्य अभियंता सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी,वन मंडल अधिकारी उत्तर बेतूल,सुरक्षा अधिकारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी,उप वन मंडल अधिकारी सारनी, उप वन मंडल अधिकारी शाहपुर, अनुविभागीय अधिकारी शाहपुर परीक्षेत्र अधिकारी सारनी, परीक्षेत्र अधिकारी बेतूल, परीक्षेत्र अधिकारी शाहपुर, परीक्षेत्र अधिकारी भौंरा उपस्थित रहे। दो बार पहले भी हो चुका है सारनी में बाघ का रेस्क्यू10 दिसंबर 2018 से अब तक बाघ का दो बार रेस्क्यू किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार पहली बार बाघ सारनी के एबी टाइप कॉलोनी में 1 दिसंबर 2018 को देखा गया। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से ढाई साल के बाघ को 10 दिसंबर 2018 को राख बांध 4 हाथियों जेसीबी ट्रैक्टर की मदद से एसटीआर और वन विभाग की मदद से ट्रेंकुलाइज किया गया था। इस बाघ को कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला और पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में 2 माह रखा गया था। फिर 1 फरवरी को चूरना के जंगल में छोड़ दिया गया था। जो पुनः 75 दिन बाद 23 फरवरी को सारनी आ गया था। इसी बाघ को दोबारा एसटीआर और वन विभाग द्वारा राख बांध, लाल चौकी पर रेस्क्यू किया गया था।इनका कहना है वन विभाग के सर्चिंग दल को रात में बाघ दिखाई दिया। इसके बाद से वन विभाग और भी ज्यादा अलर्ट है। 24 घंटे बाघ की सर्चिंग जारी है। ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं जमाल सिंह धारवे एसडीओ सारनी