पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष के गृह निवास में चल रहा नर्मदा पुराण
13 फरवरी को पूर्णाहुति व भंडारा
सुदर्शन टुडे डिण्डौरी डिण्डोरी सुबखार में चल रहे माँ नर्मदा कथा के छटवे दिवस पर पंडित मंगल मूर्ति शास्त्री ने कथा सुनाते हुए कहा कि अलका कन्या ने भगवान शंकर से मोक्ष की प्राप्ति का रास्ता पूंछा तो भगवान शंकर ने अलका कन्या से कहा कि नर्मदा जी के किनारे जाकर मेरा पूजन अर्चन करो। अलका नर्मदा जी के किनारे आई और भगवान शंकर की कुंडली बनाकर पूजन अर्चन करती थी और प्रतिदिन मां नर्मदा की जलधारा चढ़ाती है। प्रातः उठकर अभिषेक करके भष्म और बेलपत्री चढ़ाती है। कुछ समय बाद पूजा करते करते अलका की मृत्यु हो गई और मोक्ष की प्राप्ति हुई, उस साथ को अल्केश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाता है। ईश्वर साक्षात है, पूर्ण श्रद्धा और मनोभाव से भक्ति के माध्यम से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रृंगी अपनी पत्नी शांता के साथ आए नदी के किनारे तपस्या किया था वह विमलेश्वर तीर्थ है। उन्होंने अपने मुखारबिंद से आगे प्रेरणादायक एवं ज्ञानवर्धक प्रसंग बताते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा धन राम भजन का है और सभी को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भजन करना चाहिए। भगवान भजन ही जीवन की औषधि है।
कथा के एक शब्द भी धारण करने से व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। आग्रह, पूर्वाग्रह और ग्रह अपनी कक्षा से बाहर नहीं हो सकता। हमारे जीवन में चतुरता और विश्वास दोनों की जरूरत है। संसार से चतुरता, यानी विवेक, बुद्धिमानी निभाते समय चतुरता की जरूरत है और परमात्मा के दरबार में विश्वास की जरूरत है। कथा कभी समाप्त नहीं होती उसका विश्राम होता है। जो लोग सत्संग करते हैं भजन करते हैं साधु महात्माओं का सत्संग करते हैं उनका बड़ा दुख, छोटा हो जाता है। जो लोग चिंता करते हैं उनकी बुद्धि का विनाश होता है और जो चिंतन करते हैं उनकी बुद्धि का विकास होता है। सकारात्मक और अच्छे विचार वाले लोगों के साथ बैठने से जीवनी शक्ति बढ़ती है और दुष्ट लोगों के साथ बैठने से जीवनी शक्ति घटती है। जहाँ पर सभ्य लोग बैठते है वही सभा है। कथा के दौरान बैठ बाजा एवं भव्यता के साथ भगवान भोलेनाथ की बारात निकाली गई। विदित है कि माँ नर्मदा पुराण कथा माईक्रोटेक कंप्यूटर एकेडमी के संचालक के.एस. राजपूत, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत व इंजीनियर गौरव सिंह राजपूत के गृह निवास में कराई जा रही है, जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर कथा का श्रवण कर रहे हैं। आगामी 13 फरवरी को पूर्णाहुति व भंडारा कार्यक्रम रहेगा।
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