– दो दिवसीय इलेक्ट्रोपैथी सेमिनार उदर रोगों पर चर्चा तथा रंगारंग मैटी जयंती समारोह के साथ सम्पन्न।
अखिल कुमार शर्मा
राजस्थान स्टेट हेड /मदन मोहन गर्ग
गंगापुरसिटीकोटाइलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद की ओर से दो दिवसीय उदर रोग एवं इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा सेमीनार का समापन यूआईटी आडिटोरिय, कोटा में सोमवार को हुआ। इस दौरान सरकार से इस पद्धति को सरकारी सेवा में शामिल किए जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई। इससे पूर्व प्रथम दिन रात तक चले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहे। उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी पद्धति काफी प्राचीन है। उन्होंने कहा कि यह पद्धति प्राकृतिक, वनस्पति, औषधीय आधार पर बनी हुई हैं, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। आज भी लोग डॉक्टर के पास जाते हैं तो ये ध्यान रखते हैं कि कहीं इसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है ? जबकि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक के पास जाते समय रोगी के मन में ऐसी शंका नहीं रहती। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी पद्धती भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार निर्मित है। इसके इनोवेशन, रिसर्च के परिणाम सभी के लिए लाभकारी होंगे। बिरला ने कहा कि यह पद्धति आगे बढे यही शुभकामनाएं हैं। इस दौरान लाडपुरा विधायक कल्पना देवी, केशोरायपाटन विधायक श्रीमती चंद्रकांता मेघवाल, कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना भी उपस्थित रहे एवं इलेक्ट्रोपैथी के विकास, प्रचार- प्रसार एवं रिसर्च के संबंध में अपने अपने विचार व्यक्त किए।
इलेक्ट्रोपैथी साहित्य का बिरला ने किया विमोचन
जयपुर से प्रकाशित हर्बल लाइफ इलेक्ट्रोपैथी पाक्षिक पत्रिका के रोग एवं इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा विशेषांक का विमोचन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा किया गया।
इस अवसर पर इंटरनेशनल रिसर्च जनरल ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड अपटोलॉजी रिसर्च जनरल में प्रकाशित इलेक्ट्रोपैथी आर्टिकल का भी विमोचन श्री बिरला के द्वारा किया गया।
भारत के आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में हुए वेबीनार के विषय को लेकर प्रकाशित विशेषांक का भी इस अवसर पर मोचन किया गया।