सुदर्शन टुडे व्यरो शाहनवाज खान शानू
कानपुर देहात राजपुर नगर पंचायत द्वारा बीआरसी कार्यालय में बनाया गया रैन बसेरा मुसाफिरों के लिए भूल भुलैया साबित हो रहा है। नगर पंचायत अधिकारियों ने रैन बसेरा के लिए बस स्टैंड या कस्बा पर सांकेतिक बोर्ड न लगाएं जाने से मुसाफिरों को रैन बसेरा की जानकारी नहीं हो पाती है। अभी तक एक भी मुसाफिर को रैन बसेरा में नहीं ठहर सका। रैन बसेरा में रात व दिन में लगाये गये दो कर्मी बैठकर हाजरी पूरी कर रहे हैं।
सरकार सर्दी के मौसम में मुसाफिरों के ठहरने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रैन बसेरों का निर्माण कराती है। इस समय पड़ रही हाड़ मांस कपा देने वाली सर्दी में रात बहार से आने वाले मुसाफिरों को गांव जाने के लिए वाहन न मिलने से रात में पैदल जाने को मजबूर हो रहे है। सोमवार को क्षेत्र के गुबार गांव निवासी राजेंद्र सिंह यादव अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ दिल्ली बल्लभगढ़ से प्राइवेट बस द्वारा रात ग्यारह बजे कस्बा के बस स्टैंड पर उतरे। रैन बसेरा का संकेतिक बोर्ड न होने के कारण पैदल जाना पड़ा। नगर पंचायत अधिकारियों ने संकेत बोर्ड न लगाएं जाने से मुसाफिरों को रैन बसेरा की जानकारी नहीं हो पाती है। यहां तक कस्बाईयो से पूछने पर वह लोग भी नहीं बता पाते है। जिससे मुसाफिर सर्दी में भटक कर पैदल गांव पहुंच रहे है। रैन बसेरा में न पानी न शौचालय की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं है। राजपुर नगर पंचायत बाबू राजेश कुमार बाथम ने बताया कि शौचालय निर्माण कराया जा रहा है रोड़ पर संकेत चिन्ह बनाया जायेगा।