देश की एकता, अखण्डता और खुशहाली बनाए रखने में बाबा साहब का अहम योगदान : डा. संदीप सरावगी
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जिला ब्यूरो चीफ आनन्द साहू
झांसी भारतीय संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न बाबा सहाब डा. भीम राव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर संघर्ष सेवा समिति संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ समाज सेवी डा. संदीप सरावगी ने कचहरी चौराहा स्थित बाबा सहाब की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किये बाबा साहब को याद करते हुए डा. संदीप सरावगी ने कहा समाज को समरसता के सूत्र में पिरोकर उसे संगठित और सशक्त बनाने वाले महानायकों में एक हैं डॉ. भीमराव आंबेडकर, भारत के संविधान को बनाने, गढ़ने वाले डॉ. आंबेडकर यानि वह विभूति जो आने वाले युग की झलक भांपकर देश को उसके अनुसार बढ़ने की प्रेरणा देती रही। ऐसे प्रखर राष्ट्रभक्त, युगदृष्टा की जयंती वर्ष पर उन्हें व उनके चिंतन को, जिसमें भावनात्मक एकता, बंधुत्व और सामाजिक न्याय भरा पड़ा है, स्मरण करने का आज दिन है।
समाज में अधिकतर लोग डॉ आंबेडकर को केवल भारत के सविंधान निर्माता के रूप में जानते हैं, और कुछ लोग उन्हें एक दलित नेता के रूप में, वास्तव में वे एक लोकप्रिय भारतीय विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ, चिंतक, विचारक, समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, मानवविज्ञानी, दर्शनशास्त्री, धार्मिक, प्रतिभाशाली एवं जुझारू लेखक और राष्ट्रभक्त थे।
डा. संदीप सरावगी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संविधान के निर्माता रहे। संविधान को लिखने में उनकी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बाबा साहब की जयंती जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने के रूप में भी मनाया जाता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर समाज से छुआछूत मिटाते हुए समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया गया।
बाबा साहब बहुत ही सरल स्वभाव व उच्च विचार रखते थे हम सभी को उनके पद चिन्हों पर ही चलना चाहिए ताकि समाज को एक सूत्र में पिरोया जा सके। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध किया था और समाज को मैं सुधार लाने का काम किया था। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।