Sudarshan Today
सिरोंज

आधार ऑपरेटरों को किया जा रहा ब्लैक लिस्ट आधार यूनियन ने सौंपा ज्ञापन

 

 

सुदर्शन टुडे ज़िला ब्यूरो चीफ रिमशा खान

 

 

*सिरोंज।* सोमवार को ऑल इंडिया आधार ऑपरेटर यूनियन के सदस्यों ने तहसील कार्यालय पहुचकर आवेदन देते हुए बताया कि भारत सरकार और यूआईडीएआई व अन्य सरकारी संस्थायो यहाँ तक की माननीय उच्च न्यालय, भारत के द्वारा आज आधार को हर वर्ग के लिए अनिवार्य कर दिया है यहाँ तक की जन्म से लेकर और जीवन के बाद तक आधार आवश्यक दस्तावेज है क्यूंकि एक गर्भवती स्त्री की सोनोग्राफी उसके आधार के बगैर नहीं होती और मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र उसके आधार के बगैर नहीं बनता जहाँ आधार इतना जरूरी है बल्कि अनिवार्य है इसके बगैर आज भारत में जीवन लगभग असंभव है वहां इस आधार को बनाने और देश की 93 प्रतिषत आबादी को ये अहम पहचान का दस्तावेज बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले आधार ऑपरेटर की कुछ भी सुनवाई नहीं उसे ना तो सरकार और ना ही यूआईडीएआई कुछ समझती, वही आधार ऑपरेटर सादिक खान ने आधार ऑपरेटर की समस्याए बताते हुए कहा कि आधार ऑपरेटर का चयन यूआईडीएआई द्वारा रजिस्ट्रार को आधार कार्ड बनाने का काम दिया जाता है, रजिस्ट्रार अपने आगे किसी कम्पनी को ठेका दे देता है और कंपनी अपने आगे वेंडर (दलाल) रख लेती है आधार कार्ड की रिक्तिया कभी भी किसी अख़बार या नोटिस में पर प्रकाशित नहीं होती बाकि वेंडर (दलाल) द्वारा बोली लगवाई जाती है आधार ऑपरेटर को 10 हजार से 1 लाख तक की रकम आधार कार्ड का काम करने के लिए वेंडर (दलाल) को दी जाती है. इस तरह एक रिक्ति पर नियुक्ति होने के लिए आधार ऑपरेटर को सबसे पहले 10 हजार से 1 लाख रूपये दलाल को देने पड़ते है और अगर कंपनी आधार किट उपलब्ध नही करवाती तो वो भी खुद ही लेनी पड़ती है उसके लिए भी लगभग 70 हज़ार से 90 हज़ार रुपए आधार किट पर खर्च करने पड़ते है। वही आधार ऑपरेटर रिम्षा खान ने बताया कि आधार में रोजगार की सुरक्षा यूआईडीएआई देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का एकमात्र ऐसा विभाग है जहाँ पब्लिक की गलती होने पर ऑपरेटर पर जुर्माना लगाया जाता है साथ ही 1 से लेकर 5 वर्ष तक ब्लैकलिस्ट किया जाता है लगभग हर साल 10 से 20 हज़ार ऑपरेटर्स मात्र एक गलती से लेकर 3 गलती पर 1 से लेकर 5 साल के लिए सस्पेंड कर दिए जाते है मार्च 2022 में ही लगभग 12000 ऑपरेटर सस्पेंड किए गए थे और इसके लिए किसी भी प्रकार की सूचना ऑपरेटर को नहीं दी गई सिर्फ सीधा सस्पेंड कर दिया गया जिससे उनका जीवन यापन का एकमात्र साधन भी छीन लिया गया और यह बात यूनियन के साथ चर्चा करते समय मौखिक तौर पर यूआईडीएई के उच्च अधिकारियो में भी माना की यह कार्यवाही गलत है किंतु फिर भी यूआइडीएआइ स्वयं की इस दमनकारी नीति को समाप्त नहीं कर रहा। इस अवसर पर बडी संख्या में ऑल इंडिया आधार ऑपरेटर यूनियन के सदस्य मौजूद रहें।

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