दमोह
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेशानुसार एवं माननीय श्रीमती रेणुका कंचन, प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय एवं श्री अम्बुज पाण्डेय जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दमोह के मार्गदर्शन में दिनांक 14.11.2022 को शासकीय एम.एल.बी.कन्या विद्यालय दमोह में बाल दिवस के अवसर एवं बच्चों को निः शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिये विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। उक्त शिविर में श्रीमती आरती शुक्ला पाण्डेय, द्वितीय जिला न्यायाधीश दमोह, श्रीमती गुन्ता डांगे, जिला विधिक सहायता अधिकारी, जन साहस संस्था से जिला समन्वयक श्री कमल बैरागी सहित अन्य सदस्य, विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती अर्चना जैन एवं समस्त स्टाफ सहित छात्रायें उपस्थित रहीं,श्रीमती आरती शुक्ला पाण्डेय, द्वितीय जिला न्यायाधीश दमोह द्वारा अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं को बताया कि दिनो-दिन बालकों के साथ अपराध बढ़ रहे है। बालकों को अपने साथ घटित होने वाले अपराधों को जानना व समझना चाहिये और अपराधी को उचित स्थान पर पहुंचाने के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होने गुड टच और बेड टच के संबंध में भी समझाया साथ ही विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य है कि गरीबों तक न्याय की पहुंच सके। इसके साथ ही आपने उपस्थित छात्र/छात्राओं से कहा कि आप देश का भविष्य है इसलिए आप स्वंय जागरूक होकर दूसरों को भी जागरूक करें। उनके द्वारा बाल अपराध होने की दशा में आवश्यक रूप से एफ.आई.आर. करने के लिये कहा गया। साथ ही अच्छे नागरिक बन कर समाज में अपना नाम रोशन करने हेतु कहा गया। छात्राओं को मोबाईल का सही उपयोग करने की सलाह दी गई। यातायात के संबंध में जानकारी देते हुये अन्य व्यवहारिक जानकारी दी गई। सही तरह से वाहन चलाने हेतु प्रेरित किया गया।
श्रीमती गुन्ता डांगे, जिला विधिक सहायता अधिकारी दमोह द्वारा उपस्थित छात्राओं को बाल दिवस के अवसर पर बताया कि 06 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के लिये निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है जिसके तहत गरीब स्तर के बच्चे भी साक्षर हो सकें। बच्चों को अनुशासित रहने, गुरूजन के मार्गदर्शन में एकाग्रचित होकर अच्छी पढ़ाई करें तथा अपने लक्ष्य को पाने में पीछे न रहे जिससे आपका भविष्य उज्जवल हो सके। इसके साथ ही बाल विवाह, बाल तस्करी, निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।उन्हे बाताया कि कानून के अनुसार महिलाये माता-पिता की संपत्ति पर बराबर का अधिकार ले सकती हैं।
आयोजित शिविर के दौरान विद्यालय की कुछ छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान नाट्य, नृत्य एवं गायन प्रस्तुति भी दी गई।
साथ ही उक्त कार्यक्रम में जन साहस संस्था के द्वारा उपस्थित अतिथियों के माध्यम से स्कूल के प्राचार्य श्रीमती अर्चना जैन एवं अन्य शिक्षकगणों को संविधान की प्रस्तावना का फोटोफ्रेम एवं सभी उपस्थित छात्राओं को बिस्किट वितरण किये गये।