कृष्ण कुमार मिश्रा डिण्डौरी..
सरकार ने सिंगल यूज पॉलीथिन को एक जुलाई से प्रतिबंधित कर दिया है प्रतिबंध के 3 माह बाद भी नगर परिषद व जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी सिंगल यूज पॉलीथिन पर लगाम नहीं लगा सके दीपोत्सव में पटाखा ले जाने के लिए एवं अन्य सामग्रियों कॉलेज आने तक बड़ी मात्रा में सिंगल न्यूज़ पॉलीथिन का उपयोग होते सभी ने देखा वही प्रतिबंध के बाद भी बदस्तूर लगातार प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग जारी है इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी जान कर भी अंजान बने हुए हैं शहर से लेकर गांव तक यह प्रतिबंध सिर्फ कागजों में ही नजर आ रहा है पूर्व में नगर परिषद में औपचारिकता के लिए लोगों को झुका कर संकल्प दिलाकर स्टीकर चिपकाए थे इसके बाद बाजार और दुकानों में प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए प्रयास नहीं हुए
दुष्परिणाम के जानते हुए भी कर रहे उपयोग
जिले में बिना रोक-टोक कि अभी प्रतिबंधित पॉलिथीन की बिक्री और इसका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है शहर व गांव की गलियों में लगातार पॉलिथीन का उपयोग हो रहा है इसे खेतों तक के लिए मुसीबत बन चुके प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग नहीं रुक रहा है किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से दुकानदार प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से बेखौफ होकर कर रहे हैं वहीं जागरूक लोग भी इसके दुष्परिणाम के जानते हुए भी उपयोग करने से बाज नहीं आ रहे हैं इधर प्रतिबंधित पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद नगर परिषद व जिला प्रशासन ने शुरुआत के दिनों में जन जागरूकता अभियान चलाया था लेकिन अब भी कई लोग पॉलिथीन में अपने घर का कचरा भरकर सड़कों पर फेंक रहे हैं इससे नालियां जाम हो रही हैं
लगा है प्रतिबंध
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार ने प्लास्टिक की डंडियों वाले एयर वॉटर बैलून स्टिक प्लास्टिक के झंडे लॉलीपॉप की ठंडी आइसक्रीम की डंडी थर्माकोल के सजावटी सामान प्लेट्स का गिलास कांटे चम्मच चाकू इस मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी निमंत्रण पत्र सिगरेट पैकेट 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक और पीवीसी बैनर आदि शामिल है इन प्रतिबंधित सामग्रियों का जिले में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है
मवेशियों के लिए जानलेवा बन रही पॉलिथीन
अमानक पॉलीथिन के उपयोग न करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई नियम बनाए गए हैं केंद्र सरकार के ठोस अपशिष्ट निवारण अधिनियम के तहत 40 माइक्रोन से कम के मानक की थैली पर्यावरण को प्रदूषित करती है जानकारों का कहना है कि इस पॉलिथीन को रिसाइकल नहीं किया जा सकता है इससे यह प्रदूषण का कारण बनती है सबसे ज्यादा नुकसान आवारा मवेशियों और जीव-जंतुओं को उठाना पड़ता है पशु चिकित्सा डॉक्टरों का कहना है कि पॉलीथीन में खाद्य सामग्री ले जाने के बाद उसे सड़कों पर फेंक दिया जाता है जिस वजह से उसे आवारा मवेशी खा लेते हैं जो कि नुकसानदायक होता है जिले के अनेक मवेशियों की पॉलीथिन खाने से मौत हो चुकी है
सफाई में बड़ी मात्रा में निकल रही पॉलिथीन
शहर में औसतन हर दिन 30 टन कचरा निकल रहा है निकलने वाले कूड़े से पुणे में गंदगी के अलावा कागज कपड़े हुआ बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलिथीन निकल रही है कचरे में प्लास्टिक की माता करीबन 40% हो गई है इसमें पॉलीथिन थैली अधिक मात्रा में निकल रही है कचरे में निकलने वाले काफी पदार्थ अपने आप नष्ट हो जाते हैं कुछ खाद के रूप में प्रयोग में होते हैं जबकि प्रतिबंधित पॉलिथीन कभी भी नष्ट नहीं होती जगह-जगह नालियों में पॉलिथीन तहसील पड़ी नजर आ रही है जानकारों का कहना है कि कचरे में प्लास्टिक की थैलियां जमीन के अंदर धरने के बाद भी नहीं गलती इस तरह की प्लास्टिक के अंदर जो रसायन होते हैं उनका मानव के स्वास्थ्य और पर्यावरण काफी बुरा असर पड़ता है प्लास्टिक की वजह से मिट्टी का कटाव काफी होता है इसके
बाद इसके बाद आज का केमिकल जलाशयों में जाता है जो बेहद खतरनाक है
दुकानदारों ने बताइए अपनी समस्याएं
शहर के अनेक दुकानदारों ने बताया कि अभी लोग घर से थैला लेकर बाजार नहीं आ रही हैं इसलिए मजबूरी में सामग्री पॉलिथीन में देनी पड़ती है चाय व जूस बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि जिस दिन प्लास्टिक के डिस्पोजल ग्लास मिलने बंद हो जाएंगे उस दिन से वह भी इसका उपयोग बंद कर देंगे किराना की दुकान चल चलाने वालों ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध होने की जानकारी है लेकिन जब तक यह बनती रहेगी उपयोग होता रहेगा
इनका कहना है
सीएमओ डिंडोरी कारवाही होगी अभी प्रशिक्षण चल रहे हैं
कृष्ण कुमार मिश्रा डिण्डौरी..
प्रतिबंधित पॉलिथीन का उपयोग जारी
जान कर भी अंजान बने जिम्मेदार कागजों में नजर आ रही शक्ति
सरकार ने सिंगल यूज पॉलीथिन को एक जुलाई से प्रतिबंधित कर दिया है प्रतिबंध के 3 माह बाद भी नगर परिषद व जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी सिंगल यूज पॉलीथिन पर लगाम नहीं लगा सके दीपोत्सव में पटाखा ले जाने के लिए एवं अन्य सामग्रियों कॉलेज आने तक बड़ी मात्रा में सिंगल न्यूज़ पॉलीथिन का उपयोग होते सभी ने देखा वही प्रतिबंध के बाद भी बदस्तूर लगातार प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग जारी है इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी जान कर भी अंजान बने हुए हैं शहर से लेकर गांव तक यह प्रतिबंध सिर्फ कागजों में ही नजर आ रहा है पूर्व में नगर परिषद में औपचारिकता के लिए लोगों को झुका कर संकल्प दिलाकर स्टीकर चिपकाए थे इसके बाद बाजार और दुकानों में प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए प्रयास नहीं हुए
दुष्परिणाम के जानते हुए भी कर रहे उपयोग
जिले में बिना रोक-टोक कि अभी प्रतिबंधित पॉलिथीन की बिक्री और इसका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है शहर व गांव की गलियों में लगातार पॉलिथीन का उपयोग हो रहा है इसे खेतों तक के लिए मुसीबत बन चुके प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग नहीं रुक रहा है किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से दुकानदार प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से बेखौफ होकर कर रहे हैं वहीं जागरूक लोग भी इसके दुष्परिणाम के जानते हुए भी उपयोग करने से बाज नहीं आ रहे हैं इधर प्रतिबंधित पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद नगर परिषद व जिला प्रशासन ने शुरुआत के दिनों में जन जागरूकता अभियान चलाया था लेकिन अब भी कई लोग पॉलिथीन में अपने घर का कचरा भरकर सड़कों पर फेंक रहे हैं इससे नालियां जाम हो रही हैं
लगा है प्रतिबंध
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार ने प्लास्टिक की डंडियों वाले एयर वॉटर बैलून स्टिक प्लास्टिक के झंडे लॉलीपॉप की ठंडी आइसक्रीम की डंडी थर्माकोल के सजावटी सामान प्लेट्स का गिलास कांटे चम्मच चाकू इस मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी निमंत्रण पत्र सिगरेट पैकेट 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक और पीवीसी बैनर आदि शामिल है इन प्रतिबंधित सामग्रियों का जिले में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है
मवेशियों के लिए जानलेवा बन रही पॉलिथीन
अमानक पॉलीथिन के उपयोग न करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई नियम बनाए गए हैं केंद्र सरकार के ठोस अपशिष्ट निवारण अधिनियम के तहत 40 माइक्रोन से कम के मानक की थैली पर्यावरण को प्रदूषित करती है जानकारों का कहना है कि इस पॉलिथीन को रिसाइकल नहीं किया जा सकता है इससे यह प्रदूषण का कारण बनती है सबसे ज्यादा नुकसान आवारा मवेशियों और जीव-जंतुओं को उठाना पड़ता है पशु चिकित्सा डॉक्टरों का कहना है कि पॉलीथीन में खाद्य सामग्री ले जाने के बाद उसे सड़कों पर फेंक दिया जाता है जिस वजह से उसे आवारा मवेशी खा लेते हैं जो कि नुकसानदायक होता है जिले के अनेक मवेशियों की पॉलीथिन खाने से मौत हो चुकी है
सफाई में बड़ी मात्रा में निकल रही पॉलिथीन
शहर में औसतन हर दिन 30 टन कचरा निकल रहा है निकलने वाले कूड़े से पुणे में गंदगी के अलावा कागज कपड़े हुआ बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलिथीन निकल रही है कचरे में प्लास्टिक की माता करीबन 40% हो गई है इसमें पॉलीथिन थैली अधिक मात्रा में निकल रही है कचरे में निकलने वाले काफी पदार्थ अपने आप नष्ट हो जाते हैं कुछ खाद के रूप में प्रयोग में होते हैं जबकि प्रतिबंधित पॉलिथीन कभी भी नष्ट नहीं होती जगह-जगह नालियों में पॉलिथीन तहसील पड़ी नजर आ रही है जानकारों का कहना है कि कचरे में प्लास्टिक की थैलियां जमीन के अंदर धरने के बाद भी नहीं गलती इस तरह की प्लास्टिक के अंदर जो रसायन होते हैं उनका मानव के स्वास्थ्य और पर्यावरण काफी बुरा असर पड़ता है प्लास्टिक की वजह से मिट्टी का कटाव काफी होता है इसके
बाद इसके बाद आज का केमिकल जलाशयों में जाता है जो बेहद खतरनाक है
दुकानदारों ने बताइए अपनी समस्याएं
शहर के अनेक दुकानदारों ने बताया कि अभी लोग घर से थैला लेकर बाजार नहीं आ रही हैं इसलिए मजबूरी में सामग्री पॉलिथीन में देनी पड़ती है चाय व जूस बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि जिस दिन प्लास्टिक के डिस्पोजल ग्लास मिलने बंद हो जाएंगे उस दिन से वह भी इसका उपयोग बंद कर देंगे किराना की दुकान चल चलाने वालों ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध होने की जानकारी है लेकिन जब तक यह बनती रहेगी उपयोग होता रहेगा
इनका कहना है
सीएमओ डिंडोरी कारवाही होगी अभी प्रशिक्षण चल रहे हैं