धर्मेंद्र साहू
तेंदूखेड़ा इमझिरा::- शक्ति साधना और भक्ति का महापर्व जहां पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में 9 दिनों तक पूरे शबाब पर रहा, वही दशहरा के साथ ही माता रानी की विदाई का सिलसिला भी शुरू हो गया है। प्रतिष्ठित ग्राम इमझिरा मैं जहां लगभग 30 वर्षों से मां भगवती की स्थापना होती आ रही है, वही छोटे-छोटे बच्चों द्वारा आयोजित 9 दिनों तक चले सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सबका मन मोह लिया। प्रतिवर्ष राजहंस दुर्गा उत्सव समिति द्वारा छोटे-छोटे बालक बालिकाओं के द्वारा डांस कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते रहे हैं, और अंतिम दिन उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाओं जिसमें प्रथम पुरस्कार कनिष्का कन्हौआ, द्वितीय पुरस्कार सिद्धि कन्हौआ को मां भगवती के सम्मुख पुरस्कार समिति द्वारा प्रदान किया गया। 9 दिनों तक चले शक्ति साधना और भक्ति के महापर्व में जहां लोगों में धर्म के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला कोई मौन व्रत रखकर तो कोई नंगे पैर मां भगवती की सेवा में लीन देखा गया। दशहरा के दिन से मां भगवती की शोभायात्रा के साथ विसर्जन का सिलसिला भी शुरू हो गया है, जो शरद पूर्णिमा तक चलता रहेगा। शासन द्वारा विसर्जन कुंड जरूर बनाए गए हैं, परंतु समितियों द्वारा प्रतिष्ठित ग्राम इमझिरा के समीप से गुजरने वाली बारांझ नदी में ही आसानी से मां भगवती का विसर्जन आस्था और उल्लास के साथ किया जाता है। जब दशहरा पर मां भगवती की शोभायात्रा ग्राम में भ्रमण पर निकली तो माताओं बहनों द्वारा अपने घरों के सामने मंगल कलश जलाकर, रंगोली सजाकर ,और चौक पूरकर मां भगवती की अगवानी की गई, साथ ही भ्रमण दौरान बहुत सी माताओं बहनों की आंखों से अश्रु धाराएं भी बहती देखी गई, जहां 9 दिनों तक हंसी, खुशी, और आस्था, भक्तों में देखने को मिली वहीं अंतिम दिन लगभग हर आंख नम हो गई। भ्रमण में ग्रामीणों के साथ-साथ माताओं बहनों द्वारा भी माता रानी के भक्त भजनों ने भी सबका मन मोह लिया और सभी बारांझ नदी पहुंचकर मां भगवती का विधि विधान से पूजन अर्चन कर मां भगवती को विदाई दी।।