बैतूल मनीष राठौर
बैतूल जिले की बहुसंख्यक पवार जाति के हजारों परिवार के कुल देवताओं की डाबली से बाहर निकाल कर विधि विधान से पूजा होती हैं। हर साल 3 बार डाबली में विराजमान कुलदेवता की परिवार के सभी कुल वंशी जमा होकर पूजा करने आते हैं।
बैतूल जिले के प्राचीन गांव रोंढ़ा के भोभाट परिवार के कुल देवताओं की खेड़ी ग्राम में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पूजा हुई। जब डाबली के देवताओं की पूजा के दौरान कुल देवताओं को भेट की जाने वाली धन राशि मे ब्रिटिश शासन काल के वर्ष 1933 के सिक्के मिले। ताँबे के रिंग वाले सिक्के में आजाद भारत के 75 वर्षो के सिक्के भी देखने को मिले।
सुनील कुमार भोभाट ने बताया कि पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही पूजा को वे करके स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं।