पचोर राजेश भारतीय / कैलाश ट्रेलर सुदर्शन टुडे। जो शास्त्र से समझे वह या तो मनुष्य होगा या देव होगा और जो शस्त्र से माने वह या तो पशु होगा या राक्षस होगा दंड से जो माने वह दानव है जो शास्त्र से मर्यादा में रहे वह मानव है भारत दंड संहिता का नहीं धर्म संहिता का देश है उक्त विचार मानस मर्मज्ञ पंडित श्याम जी मनावत ने व्यक्त किए मां बिजासन के धाम भैसवा कलाली में चल रहे 108 कुण्डीय श्री शतचंडी महायज्ञ संगीतमय 9 दिवसीय राम कथा के दूसरे दिन हजारों श्रोताओं ने धर्म लाभ लिया इस अवसर पर पंडित मनावत जी ने कहा कि अन्य धर्म के पास केवल एक-एक ग्रंथ है परंतु सनातन के पास असंख्य शास्त्र है चार वेद हमारा आरंभ है 18 पुराण हमारे प्राण है 6 शास्त्र हमारा सत्य है सट्टा अधिक उपनिषद हमारी उपलब्धि है इतिहास ग्रंथ हमारी विरासत है इतना प्रचुर आध्यात्मिक साहित्य यही सनातन का वैभव है हमने ग्रन्थों का ईश्वर का वाडगमय अवतार माना है तथा शब्दको ब्रहम माना है वेद भगवान की श्वास है गीता भगवान का स्वर है और भागवत भगवान का शासन स्वरूप है हमारे यहां शास्त्र के स्वाध्याय कोई यश माना गया है शास्त्र ही शुद्ध विचार देते हैं शास्त्र ही आत्मा को आसर देते हैं शास्त्र ही दुर्गुणों पर प्रहार करते हैं शास्त्र ही हमें संस्कार देते हैं शास्त्र ही हमारे व्यक्तित्व को आकार देते हैं। भारतवर्ष में तो पहला अवतार ही शास्त्र की रक्षा के लिए हुआ है जब वेदों को चुरा कर एक राक्षस ले जा रहा था तब भगवान मीन ने अवतार लेकर वेदों की रक्षा की शाम 3:00 बजे कथा विश्राम के बाद व्यास पीठ की आरती उतारी इस अवसर पर भैसवा माता कलाली गांव सहित आसपास क्षेत्र के बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर कथा का रसपान किया वहीं मां बिजासन धाम पर 108 श्री शतचंडी महायज्ञ के दूसरे दिन मां बिजासन के दरबार में चल रहे महायज्ञ में यज्ञाचार्य पंडित इंद्रजीत पराशर संजय व्यास ग्रामाचार्य श्याम पाठक सहित पंडितों के द्वारा 108 श्री शतचंडी महायज्ञ की आहुतियां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ के यजमानों से दिलाई जा रही है।