रेरा पंजीयन के बिना धड़ल्ले से किया जा रहा निर्माण, बढ़ रही अवैध कॉलोनियों में बसाहटें
ऐसे समझें नई अवैध बसाहटें….
@सागर भोपाल स्टेट हाइवे पर
12 बसाहटें पाटनदेव, पटेलनगर मुखर्जीनगर कॉलोनी सागर रोड पर।
@ 8 बसाहटें संजय नगर की ओर आगे तक
@6 नई बसाहटें सांची रोड़ रामपुर कॉलोनी के महू पथरई से आगे सुन्ड तक।
@04 से अधिक बसाहटें साँची विदिशा रोड पर
रायसेन। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानि रेरा एक्ट लागू होने के 7 साल बाद भी आला अफसर इसे रायसेन शहर सहित जिलेभर में सही तरीके से लागू नहीं करवा पा रहे। यही वजह है कि शहर किनारे धड़ल्ले से खेती की जमीन पर विकसित अवैध कॉलोनियों में तेजी से बसाहटें हो रही है।हालांकि ऐसा नहीं है कि पहले भी समय समय शिकवा शिकायतें मिलने पर राजस्व महकमे के अफसरों द्वारा उक्त कॉलोनी क्षेत्रों में ऐसी बसाहटों को हटाने के लिए प्रशासन के साथ नपा परिषद ने कार्रवाई के लिए कार्रवाई का डंडा न चलाया गया हो। बाद में यह कार्रवाई हालांकि ये महज दिखावटी साबित हुई है। इस समय शहर में बिना रेरा पंजीयन के 30 से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन पर कार्रवाई नहीं हुई तो आगामी समय में नई अवैध बसाहटें होंगी और फिर शासन-प्रशासन के सामने यहां रहने वालों को सुविधाएं विकसित करने से लेकर कॉलोनियों को वैध कराने की नई चुनौती होगी।
ये है रेरा एक्ट में प्रावधान….
रेरा एक्ट लोगों को प्रॉपर्टी में धोखाधड़ी से बचाने एक मई 2017 में लागू किया गया था। किसी भी प्रॉपर्टी का व्यवसायिक तौर पर क्रय विक्रय किया जा रहा है तो उसका रेरा पंजीयन जरूरी है। इसमें कहीं प्लॉट बेचने से लेकर दुकान- मकान बनाकर बेचने तक शामिल है। ऐसा नहीं करने वाले पर कार्रवाई के प्रावधान है। जिला प्रशासन व नपा परिषद प्रशासन के आला अफसरों को इसे लागू करना चाहिए। लेकिन मौजूदा स्थिति से लग रहा है वे जिम्मेदारी का पालन नहीं कर रहे।
इसलिए रेरा से बचाव….
रेरा पंजीयन के लिए डेवलपर्स को 28 दस्तावेज की जरूरत होती है। इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग के साथ पैसों का पूरा हिसाब भी रखना होता है। इससे ही बचने के लिए अवैध तौर पर बसाहटें की जा रही है।