लोहरदगा सदर प्रखंड के जोरी स्थित शिशु ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल जोरी में कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों की विदाई समारोह का आयोजन किया गया l जिसकी शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विद्यालय प्रबंधक सतीश मिश्रा एवं प्रधानाचार्य संजय कुमार मिश्रा के द्वारा संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलंकर की गई l इसके बाद मुख्य अतिथि के द्वारा कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक शब्द कहे गए औऱ फिर विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार मिश्रा ने कक्षा दसवीं की विद्यार्थियों को उनका मार्गदर्शन करते हुए कहा कि मैट्रिक की परीक्षा जीवन की पहली परीक्षा होती है जो आपके माता-पिता, गुरुजन रिश्तेदार एवं शुभचिंतकों की आशाओं की परीक्षा होती है और इसमें आपको शत प्रतिशत सफल होना होता है। जीवन में सब कुछ हासिल हो सकता, लेकिन दुबारा छात्र जीवन हासिल नहीं किया जा सकता। माता-पिता एवं गुरुजनों का हमेशा आदर करना और उनकी आज्ञा को सर्वोपरि मानना सफलता की पहली कुंजी है। दसवीं बोर्ड की परीक्षा आपके भविष्य के निर्माण की पहली सीढ़ी होती है। उन्होंने कहा कि सभी आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है l कार्यक्रम का संचालन शिक्षक हेमंत कुमार के द्वारा किया गया। कक्षा 6 से 9वी तक की विद्यार्थियों ने स्वागत गान गाकर वहा उपस्थित अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया l इसके बाद अतिथि चंद्रकिशोर भगत, राजेश, बलराम ओझा, बिमलेश मिश्रा, रोकैया खातून, जय किशोर सिंह, विष्णु सिंह, नेजाम अंसारी , धनेश्वर उरांव को घड़ी देकर सम्मनित किया गया l साथ ही विधालय के प्रधानाचार्य संजय मिश्रा ने अपनी माता श्रीमती भानुमती देवी को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लिया l मौके पर दसवीं की विद्यार्थियों ने एक-एक करके अपना अनुभव साझा किया एवं वे इतने भावुक हो गए कि आंखों से आंसुओं की धारा बहने लगी l तत्पश्चात विभिन्न रीमिक्स गाने पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिसमे छात्र अतहर आलम, प्रिंस एवं ऋषि के द्वारा जय जय कारा गाने पर नृत्य किया गया l कार्यक्रम के अंत में कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को उनके अभिभावक के साथ सम्मानित कर इस विदाई समारोह का सफलतापूर्वक समापन किया गया l कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रबंधक सतीश मिश्रा, संजय मिश्रा, शिक्षक बंदना मिश्रा, निशा मिश्रा, अनमोल, ब्रजकिशोर, हेमंत, विशेश्वर, सागर, पूनम, अनूपा, रोजन्ना, आफरीन, तरन्नूम, सुल्ताना, अभिभावक अतिथगण बलराम ओझा, जय किशोर सिंह, विष्णु सिंह, रोकैया खातून, चंद्रकिशोर भगत, राजेश, बलराम ओझा, बिमलेश मिश्रा, रोकइया खातूंन, नेजाम अंसारी, धनेश्वर उरांव, कक्षा 10 के विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा l