सुदर्शन टुडे समाचार बैतूल रामेशवर लक्षणे
बैतूल :- 26 जनवरी 2023 दिन शुक्रवार को देश के प्रत्येक नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गणतंत्र दिवस पूरे जोश एवं खरोश से मनाया गया।भारत का 75 वां गणतंत्र दिवस, शौर्य, वीरता, देशभक्ति एवं सम्मान का यह दिन पूरे देश में सम्मान एवं धूमधाम से मनाया गया। आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 दिन गुरूवार के दिन भारत को अपना संविधान मिला और देश *संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक गणराज्य कहलाया*। इसी दिन सभी संस्थाओं में गणतंत्र दिवस पर शालाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है प्रभात फेरियां निकाली जाती है,संस्थाओं एवं निकायों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। पूरा माहौल देशभक्ति से भर जाता हैं। जगह-जगह तिरंगा शान फहराया जाता हैं। लेकिन प्राप्त समाचार के अनुसार विकास खंड आठनेर की शासकीय प्राथमिक शाला सूकी के प्रधान पाठक को शायद इस दिन का महत्व समझ नहीं आया। इसलिए तो उन्होंने तिरंगे को खंबे पर रस्सी(घिर्री)से न बांधकर एक लकड़ी के गत्ते के सहारे खीले से अटका दिया था। जैसे कि चित्र में दिखाई पड़ रहा है कि शाला परिसर में खंबे के उपरी सिरे पर लकड़ी का गत्ता फंसा दिया गया, लकड़ी के उसी गत्ते पर कील ठोंक दी गई तथा उस कील में तिरंगे को अटकाकर फहरा दिया गया है। आश्चर्य इस बात का है कि तिरंगा फहराने के बाद कहीं पर भी फूल इत्यादि नजर नहीं आ रहे हैं। केवल तिरंगा भर फहराने एवं गणतंत्र दिवस मनाने भर की औपचारिकता निभाई गई नजर आ रही है। जिस खंबे को तिरंगा फहराने के लिए उपयोग में लाया गया था उसकी उंचाई भी काफी कम दिखाई पड़ रही हैं। एैसा प्रतीत हो रहा था कि देश और विदेशों में भी शान से लहराने वाला यह तिरंगा अपने ही देश में अपमानित महसूस कर रहा हो ।उल्लेखनीय है कि विकास खंड आठनेर के अन्तर्गत शालाओं की शिक्षण व्यवस्था चरमरा गई हैं। परीक्षा परिणामों के मामले में भी यह विकास खंड शर्मिंदा होते रहता है । किसी भी स्कूल की कोई खास उपलब्धि दर्ज नहीं हैं। विकास खंड शिक्षा अधिकारी लगभग 13-14 वर्षों से बैतूल से आना जाना करते हुए इस विकास खंड की छाती पर मूंग दल रहे हैं। शालाओं में यहां तक की बीईओ कार्यालय में नियम विरूद्ध कर्मचारी को अटैच कर रखा हुआ है। छात्रावास परिसर में छात्र की मौत हो जाती पर कार्यवाही के नाम पर लीपापोती कर दी जाती है। छात्रावासों में अपने पसंदीदा अधिक्षकों की पदस्थापन कर खूली लूट मचा रखी है। यही अधीक्षक पहले बीईओ, बीआरसीसी कार्यालयों में काम काम करते थे अब वे बीईओ की मदद से अधिक्षक बने हुए हैं।कार्यवाही होते देख बीईओ अपने गाडफादरों के यहां दंडवत होकर अभयदान लेकर पुनः भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं। बहरहाल पूरा विकास खंड शिक्षा क्षेत्र में अनियमितताओं एवं लापरवाही के लिए जाना जाता हैं। तभी तो राष्ट्र के प्रतिक तिरंगे का यह अपमान खुले आम हुआ है। ग्रामीणों में भारी रोष हैं। एवं प्रधान पाठक प्राथमिक शाला सूकी पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।