सुदर्शन टुडे डिंडोरी
*कलेक्टर श्री विकास मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ संबंधी बैठक*
कलेक्टर विकास मिश्रा ने मगंलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के संबंध में बैठक ली। उन्होंने बताया कि “मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना” युवाओं के लिए हितकारी है। इस योजना से युवाओं को रोजगार मिलेगा। कलेक्टर श्री विकास ने बैठक में उक्त योजना के बारे विस्तृत चर्चा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर जिले के उद्योग/प्रतिष्ठानो के प्रतिनिधि, समस्त शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राचार्य आईटीआई डिंडोरी/शहपुरा और खनिज एवं पीएचई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत प्रदेश के 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार प्रदान कर लाभांवित किया जाएगा। इस योजना में जिले के उद्योगों को मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के पोर्टल पर 07 जून 2023 से पंजीयन कर जोड़ा जाएगा। उद्योगों में युवाओं हेतु रिक्त पदों का सृजन किया जाएगा। आगामी 15 जून से योजना के पोर्टल पर युवाओं द्वारा पंजीयन कराया जाना एवं अपनी रुचि अनुसार उद्योग का चयन कर रिक्त पद हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। इस योजना में उद्योग भागीदार के पास पैन नंबर एवं जी.एस.टी. नंबर होना अनिवार्य है। युवाओं को इस योजना में रोजगार प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना एवं आयु 18 से 29 वर्ष के मध्य होना अनिवार्य है। इस योजना के माध्यम से उद्योगों में रोजगार पाने वाले युवा आवेदक “छात्र प्रशिक्षणार्थी” कहलाएंगे। योजना में विभिन्न शैक्षणिक योग्यताधारी युवा छात्र प्रशिक्षार्थियों को राशि रुपये 8 हजार से 10 हजार तक मानदेय के रूप में प्राप्त होंगे। मानदेय राशि में उद्योग भागीदार द्वारा कुलमान केवल 25 प्रतिशत राशि का भुगतान अपने प्रतिष्ठान में संलग्न छात्र- प्रशिक्षणार्थी को देना होगा एवं शेष 75 प्रतिशत राशि का भुगतान मध्यप्रदेश शासन द्वारा छात्र- प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में किया जाएगा।
कलेक्टर विकास मिश्रा ने प्राचार्य शासकीय आईटीआई डिंडोरी को अधिक से अधिक आवेदकों का पंजीयन कराने और महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र को जिले की अधिक से अधिक औद्योगिक ईकाईयों एवं प्रतिष्ठानों का पोर्टल पर पंजीयन कराने हेतु निर्देश दिए हैं। उन्होंने योजना के संबंध में उद्योगपतियो/औद्योगिक ईकाईयों और प्रतिष्ठानों को स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने हेतु प्रोत्साहित किया। साथ ही सभी शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्यों को इस योजना का प्रचार-प्रसार करने हेतु आवश्यक निर्देश दिए हैं।