सुदर्शन टुडे संवाददाता सारंगपुर अनिल सोनी
सारंगपुर।शहर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में नए साल 2023 का आरंभिक जीवन के प्रथम दिन ठंड और घने कोहरे के साथ हुई। यहां शीतलहर और घने कोहरे की वजह से ठंड बढ़ गई है। रविवार को सुबह से की घना कोहरा छाया रहा, जिसके कारण वाहन चलाने वालों को हेड लाइट जलाकर वाहन चलाने पड़ रहे है। तेज ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा भी ले रहे हैं।
नए साल के साथ साथ सारंगपुर व ग्रामीण इलाकों के मौसम में भी बदलाव आया है। जिसके चलते रविवार तहसील स्तर में ठंड बढ़ने के साथ ही घना कोहरा छाया रहा, सारंगपुर के अकोदिया नाका, पाडल्या माताजी रोड,अगर रोड पर सुबह पैदल व बाइक से घर से बाहर निकलने वाले लोगों ने कई परत गर्म कपड़े ठंड से बचने के लिए पहने, तो कुछ लोग अलाव चलाकर उसके सामने बैठे नजर आए। नगर में रहने वाले नलिन दिक्षित ने बताया कि सारंगपुर में इस साल की यहां सबसे तेज ठंड है। जिससे बचने के लिए उन्हें अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है।
कोहरे के कारण वाहन संचालकों को आई दिक्कत
अधिक कोहरे होने के कारण अंधेरा अधिक होगया था। जिसके कारण पास में ही देख पाना मुश्किल हो गया था।चालकों को वाहन चलाने में काफी दिक्कत उठानी पड़ी। कोहरे के बीच लाइट जलाकर चालक वाहनों को चला रहे थे। कोहरे की वजह से विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है। जिसके कारण कुछ दूरी पर ही देख पाना मुश्किल हो गया। ठंड की रिपोर्टिंग के दौरान हमारे संवाददाता ने तेज ठंड और कोहरे के बीच वाहन चलाने वाले बाइक चालक धनश्याम गुर्जर जो दुध देने गांव से नगर में आते हैं।उस युवक को रोककर उनसे बात की जिसमें उन्होंने बताया कि गांव से लेकर शहर तक कोहरा इतना ज्यादा था कि पास का भी ठीक से नहीं दिखाई दे रहा था, जिसके कारण उन्हें हेडलाइट चलाकर डर डर कर वाहन चलाना पड़ रहा है। जिसकी वजह से उन्हें उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।12 किमी का रास्ता आधे घंटे में तय हुआ। सुबह 9 बजे के बाद शहर में छाया कोहरा छटना शुरू हुआ, तब धुंधले दृश्य साफ हो पाए।
सुबह 10 बजे धूप निकलने के बाद मिली लोगों को राहत
नगर व ग्रामीण इलाकों में सुबह 10 बजे सूर्यनारायण के दर्शन हुए। इसके बाद निकली गुनगुनी धूप से लोगों को राहत मिली। लेकिन हवा चलने मौसम ठंड से निजात नहीं मिल पाई। शनिवार रात 9 बजे से कोहरा छाने लगा था। रात के समय कोहरे ने क्षेत्र को ढक दिया था।नये साल की युवाओं की पार्टी भी फिकी होगाई रात 12 बजे युवा न्यूवर्ष की पार्टी व बघाईयां देकर अपने घरों की ओर चल दिये थे।इस बार युवाओं में कोई उत्साह नजर नहीं आया। रविवार की सुबह के समय सोकर उठे तो सारंगपुर शहर में बाहर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। पड़ोस के मकान भी चमक नहीं रहे थे। हर तरफ धुंध ही धुंध थी। रविवार होने से नौनिहाल सुबह के स्कूल नहीं ग्रे थे। नहीं तो इन बच्चों का क्या होता।इस पर बच्चों के माता पिताओं ने राहत भरी सांसें लीं ।वहीं बच्चे बूजूर्ग युवा सुबह तक रजाई वह अलावा का सहारा लेकर घरों में दुबके रहे हैं।