84 घंटे चला था रेस्क्यू आपरेशन आज सुबह निकला शव
संवाददाता मनीष राठौर
आठनेर-पांच दिन पहले साहू परिवार का हंसता-खेलता इक्लोवालाला पुत्राय अपने पिता सुनील पत्नी ऋतु साहू और बहन निधि साहू सहित अन्य परिजनो को रोता-बिलखता छोड़कर गया। अब सिर्फ उसकी यादें ही शेष बची हुई है। तक को बचाने के लिए भरसक प्रयास करते हुए रेस्क्यू गया लेकिन जिदगी हार गई और समय सभी को छोड़कर चला गया। करीब 84 घंटे बोरवेल में लेने के बाद आज निवार को उसका [व] प्रात: 5 बजे के कान निकाला गया। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम के उपरांत राव परिजनों को सौप दिया। परिजनों ने ताप्ती घर पर नम आंखों से उन्मद को अंतिम विदाई दी। इस दौरान वहां मौजूद जनसैलाब की हो गई थी। सभी ने इस तनय के निधन पर अनुरिता अर्पित करते हुए परिजनों को इस असीम दुख को सहन करने की ईश्वर से प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्विीट कर कहा अफसर कि इस दुख की घड़ी में पूरा मध्यप्रदेश परिवार पीड़ित परिवार के साथ में है। उन्होंने कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं तय को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान है। इसके साथ ही इस अनहोनी पर मुख्यमंत्री ने तन्मय के परिजनों को 4 लाख रुपए देने की घोषणा भी
अधूरी रह गई सभी मनोकामनाएं और प्रार्थना
जिले के आठनेर ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम मांडवी में तन्मय के 6 दिसम्बर की शाम 5 बजे 400 फीट बोरवेल में गिरने के तत्काल बाद से ही सन्माय के स्कूल में पढ़ने वाले सहपाठियों, ग्रामीणों सहित तन्मय के माता- पिता, चाचा, बहन एवं परिजनों द्वारा लगातार प्रार्थना की जा रही थी कि तन्मय सुरक्षित से बोरवेल से बाहर आएगा इसके लिए उन्मय के माँ तु साहू ने नागदेव बाबा ने मन मांगी थी कि भगवान बच्चा दे तो अपनी सामर्थ के अनुसार वह चांदी का नाम बनाकर चढ़ाएगी। लेकिन तमाम प्रार्थनाएं अधूरी रह गई और जिंदगी हार गई।
गिरने के चंद घंटे बाद ही हो गई थी मौत
समय का जिला अस्पताल में हुआ शार्ट पीएम में यह बात सामने आई है कि जैसे ही तन्मय चोरवेल में गिरा था। एसडीएम श्यामे आयसवाल ने बताया कि समय की पसली में गंभीर चोट पहुंची थी। इसके अलावा उसके सीने में भी गई थी। लगातार उसके ऊपर पानी का रिस्क होने से और जिस तरह से यह रिस्पांस नहीं दे रहा था उससे यही अं लगाया जा सकता है कि उसके गिरने के चंद घंटों बाद ही मौत हो गई थी और तन्मय ने रिस्पांस देना बंद कर दिया था। एक संभावना यह जरूरी थी। निकालने का प्रयास किया था और वह करीब 12 फीट ऊपर तक आया था उसी दौरान यदि तन्मय बाहर आ जाता और उसे उपचार मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
जब तन्मय को रस्सी से उसे
सबसे पसंदीदा शौक बना मौत का कारण
श्रद्धा प्राथमिक माध्यमिक शाला मांडवी की कक्षा तीसरी के छात्र तन्मय को लुका-छिपी (रेसटिप) खेल अत्यधिक पसंद था। वह छुप जाता था और साथियों से अक्सर उसे ढूंढने की कहता था। घटना के दिन बच्चों के साथ वह लुका छिपी ही खेल रहा था। तन्मय की बहन निधि साहू ने बताया कि उसे घर जाने के लिए जैसे ही आवाज दी तो तन्मय कूदते हुए झाड़ियों के पीछे से आया उसे बोरी दिखाई दी तो वह
बीरी पर कूद गया और सीधे बोरवेल में जा गिरा। तन्मय ने के लिए रवाना होते हैं। इससे पहले तहसीलदार घटना स्थल बोरी पकड़कर बचने की कोशिश की वहीं उसकी बहन ने भी बोरी पकड़ने का प्रयास किया लेकिन तब तक बोरवेल के भीतर जा चुका था। इसके बाद परिजनों को और फिर पुलिस और प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किया। रेस्क्यू टीम की पूरे समय निगरानी करते है
समय को 6 दिसम्बर को शाम 5 बजे के बाद से लेकर शनिवार सुबह 6 बजे तक एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ द्वारा चलाए गए रेस्क्यू आपरेशन की मानीटरिंग पूरे समय कलेक्टर अमनवीर सिंह बैंस, एसपी सिमाला प्रसाद, जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा एडीएम स्वामेंद्र जायसवाल, भैसदेही एसडीएम रीता डहेरिया, होमगार्ड कमांडेंट एसआर आजमी, एसडीओपी शिवचरण बीहित, आठनेर तहसीलदार लवीना पारे आठनेर टीआई अजय सोनी सहित जिले के सभी थानों के थाना प्रभारी, राजस्व विभाग, पीएचई विभाग टीम सहित भोपाल, हरदा होशंगाबाद का पुलिस बल, स्वासथ्य विभाग डॉक्टर रंजीत राठौर, डॉ. प्रजेश यादव और उनकी टीम मौजूद रही।
परिवार को दी गई अत्यंष्टि सहायता
समय की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अंता 20 हजार रुपए भैंसदेही एसडीएम रोता डहेरिया और आठनेर तहसीलदार सबीना पाप ने माही में तन्मय के घर पहुंचकर परिजनों को दी। आठनेर थाना प्रभारी अजय सोनी ने बताया कि कोतवाली थाना बैतूल में शून्य पर मर्ग कायम किया गया है। डावी आठनेर पुलिस को सौंपी जाएगी। इस घटना से संबंधित सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा।”