सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर
निवेशकों के साथ धोखाधडी कर निवेशकों का पैसा हडपने वाली बी.एन. ग्रुप ऑफ कम्पनीज के डायरेक्टर व अन्य आरोपीगणों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल /- 242,640,000 (चौबीस करोड छब्बीस लाख चालीस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
माननीय न्यायालय श्री संजय कुमार शाही, विशेष न्यायालय, जिला- सीहोर ने हीरालाल वैष्णव पिता कन्हैयालाल वैष्णव, नि. ग्राम कदवाली थाना क्षिप्रा, इन्दौर, मुनिन्दर पिता लालचन्द्र लिखारे, निवासी लोधीखेडा, तह. सौंसर, जिला छिन्दवाडा, आशीष गुप्ता पिता एम.पी. गुप्ता नि. विजय नगर, इन्दौर, विपिन यादव पिता अभिलाख सिंह नि. हरीशचन्द पुरा, थाना देहात भिण्ड, जिला भिण्ड, को सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी केदार कौरव ने बताया गया कि-
घटना का विवरण – अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि बी.एन. ग्रुप कम्पनी की विभिन्न संस्थाओं बी. एन. गोल्ड, रियल इस्टेट एण्ड एलाइड लिमिटेड, बी. एन. ग्रुप का संचालन देश कई प्रदेशों में किया जा रहा है। बी. एन. ग्रुप के सी.एम.डी. गुरविन्दर सिंह संधू एवं बी. एन. ग्रुप कम्पनी के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर हीरालाल वैष्णव ने बहुत सी संस्थाओं के माध्यम से अपनी अच्छी पहचान बनाई और फिर योजना के अनुसार उक्त संस्थाएं बनाकर बहुत प्रचार प्रसार किया एवं स्वयं पर लाखों लोगों का पैसा किश्त भुगतान एवं एक मुश्त भुगतान योजना शुरू करके नगद राशि प्राप्त की और बदले में निवेशकों को कम्पनी का प्रमाण पत्र एवं रसीदें उपलब्ध कराई। हीरालाल वैष्णव ने उन पैसों से कई जगह पर कम्पनी एवं स्वयं के नाम पर जमीन खरीद ली. निवेशकों के प्रमाण पत्र में दी गई समयावधि समाप्त होने के बाद राशि का भुगतान करने में आनाकानी करने लगे एवं शाजापुर में दिनांक 06.02.2011 को हीरालाल वैष्णव गिरफ्तार हुआ और सी.एम.डी. गुरूविन्दर सिंह संधू ने सभी निवेशकों की तत्काल मीटिंग बुलाई. जिसमें नये एवं पुराने निवेशकों को बुलाकर निवेश के लिए आग्रह किया और इस तरह से पैसा बटोरना जारी रखा एवं निवेशकों को गुमराह कर बहुत पैसा बटोर कर निवेशकों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने का अपराध किया। उक्त सभी कम्पनी के डायरेक्टर बारी-बारी से सीहोर बस स्टेण्ड, नेहरू पार्क एवं क्रिसेन्ट रिसोर्ट सीहोर पर कम्पनी का प्रचार प्रसार किया और निवेशकों से रूपए प्राप्त किए। बी. एन. ग्रुप कम्पनी के डायरेक्टर्स एवं सीनियर मार्केटिंग मैनेजर के द्वारा निवेशकों से रूपया लेकर जो सार्टिफिकेट दिया गया. उस सार्टिफिकेट की समयावधि पूर्ण होने के एक वर्ष पश्चात निवेशकों की राशि का भुगतान करने के लिए चेक दिए गए, लेकिन उनके द्वारा दिए गए चेक बाउंस हो गए। केस लगाने पर उक्त पते पर स्थित कम्पनी का आफिस रातों रात बन्द कर दिया गया और जब निवेशकों द्वारा कम्पनी के पदाधिकारियों से सम्पर्क किया तो भुगतान में आनाकानी करने लगे, उसके बाद सब फरार हो गए। उसके पश्चात निवेशक/ आवेदकगण / परिवादीगण ने लिखित शिकायत आवेदन पुलिस अधीक्षक, जिला सीहोर को दिया, तब लिखित शिकायत आवेदन के आधार पर थाना कोतवाली, जिला सीहोर में प्रकरण के अभियुक्तगण हीरालाल वैष्णव, आशीष गुप्ता, मुनिन्दर लिखारे, विपिन सिंह यादव, के विरूद्ध भा०दं०सं०1860 की धारा 420 धारा 34 एवं म०प्र०निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा-6 के अन्तर्गत अपराध क्रमांक 150/2016 पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई एवं तत्कालीन विवेचना अधिकारी निरी. अजय नायर, उनि. शैलेन्द्र तोमर, सउनि. नन्दराम अहिरवार के द्वारा प्रकरण का अनुसंधान किया गया एवं सम्पूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियोग-पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन पक्ष द्वारा अभिलेख पर आई साक्ष्य एवं विधि के प्रावधानों के आधार पर बहस की जिससे सहमत होते हुए माननीय न्यायालय श्री संजय कुमार शाही, विशेष न्यायालय, सीहोर ने अभियुक्तगण हीरालाल वैष्णव पिता कन्हैयालाल वैष्णव, नि. ग्राम कदवाली थाना क्षिप्रा, इन्दौर, मुनिन्दर पिता लालचन्द्र लिखारे, निवासी लोधीखेडा, तह. सौंसर, जिला छिन्दवाडा, आशीष पिता एम.पी. गुप्ता नि. विजय नगर, इन्दौर, विपिन यादव पिता अभिलाख सिंह नि. हरीशचन्द पुरा, थाना देहात भिण्ड, जिला भिण्ड, प्रत्येक आरोपी को धारा 409 सहपठित धारा120 बी भादवि में 10 -10 वर्ष एवं 5,055,000 – 5,055,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 420/120 बी भादवि में 5-5 वर्ष, एवं 5,055,000 – 5,055,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 6 निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम में 5-5 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 50,550,000- 50,550,000/- रूपये कुल 242,640,000 (चौबीस करोड छब्बीस लाख चालीस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
शासन की ओर से पैरवी श्री प्रमोद अहिरवार, सहा. जिला अभियोजन अधिकारी, सीहोर द्वारा की गई।
नोट:- चिटफंड संबंधित मामलों में शासन स्तर पर माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के मार्गदर्शन में समय-समय पर समीक्षा की जाती थी जिसके संबंध में समय-समय पर माननीय संचालक महोदय श्रीमान अन्वेष मंगलन, लोक अभियोजन संचालनालय, म.प्र. भोपाल एवं माननीय कलेक्टर महोदय श्री चन्द्र मोहन ठाकुर एवं माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय श्री मयंक अवस्थी एवं तत्कालीन जिला अभियोजन अधिकारी श्री देवन्द्र सिंह ठाकुर की जिला स्तरी समिति के तहत समय-समय पर पुलिस कन्ट्रोल रूम सीहोर में अभियोजन अधिकारियों के साथ मीटिग आयोजित की जाकर प्रकरण में सफलता प्राप्त हुई।
कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी, सीहोर
सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर
निवेशकों के साथ धोखाधडी कर निवेशकों का पैसा हडपने वाली बी.एन. ग्रुप ऑफ कम्पनीज के डायरेक्टर व अन्य आरोपीगणों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल /- 242,640,000 (चौबीस करोड छब्बीस लाख चालीस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
माननीय न्यायालय श्री संजय कुमार शाही, विशेष न्यायालय, जिला- सीहोर ने हीरालाल वैष्णव पिता कन्हैयालाल वैष्णव, नि. ग्राम कदवाली थाना क्षिप्रा, इन्दौर, मुनिन्दर पिता लालचन्द्र लिखारे, निवासी लोधीखेडा, तह. सौंसर, जिला छिन्दवाडा, आशीष गुप्ता पिता एम.पी. गुप्ता नि. विजय नगर, इन्दौर, विपिन यादव पिता अभिलाख सिंह नि. हरीशचन्द पुरा, थाना देहात भिण्ड, जिला भिण्ड, को सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी केदार कौरव ने बताया गया कि-
घटना का विवरण – अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि बी.एन. ग्रुप कम्पनी की विभिन्न संस्थाओं बी. एन. गोल्ड, रियल इस्टेट एण्ड एलाइड लिमिटेड, बी. एन. ग्रुप का संचालन देश कई प्रदेशों में किया जा रहा है। बी. एन. ग्रुप के सी.एम.डी. गुरविन्दर सिंह संधू एवं बी. एन. ग्रुप कम्पनी के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर हीरालाल वैष्णव ने बहुत सी संस्थाओं के माध्यम से अपनी अच्छी पहचान बनाई और फिर योजना के अनुसार उक्त संस्थाएं बनाकर बहुत प्रचार प्रसार किया एवं स्वयं पर लाखों लोगों का पैसा किश्त भुगतान एवं एक मुश्त भुगतान योजना शुरू करके नगद राशि प्राप्त की और बदले में निवेशकों को कम्पनी का प्रमाण पत्र एवं रसीदें उपलब्ध कराई। हीरालाल वैष्णव ने उन पैसों से कई जगह पर कम्पनी एवं स्वयं के नाम पर जमीन खरीद ली. निवेशकों के प्रमाण पत्र में दी गई समयावधि समाप्त होने के बाद राशि का भुगतान करने में आनाकानी करने लगे एवं शाजापुर में दिनांक 06.02.2011 को हीरालाल वैष्णव गिरफ्तार हुआ और सी.एम.डी. गुरूविन्दर सिंह संधू ने सभी निवेशकों की तत्काल मीटिंग बुलाई. जिसमें नये एवं पुराने निवेशकों को बुलाकर निवेश के लिए आग्रह किया और इस तरह से पैसा बटोरना जारी रखा एवं निवेशकों को गुमराह कर बहुत पैसा बटोर कर निवेशकों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने का अपराध किया। उक्त सभी कम्पनी के डायरेक्टर बारी-बारी से सीहोर बस स्टेण्ड, नेहरू पार्क एवं क्रिसेन्ट रिसोर्ट सीहोर पर कम्पनी का प्रचार प्रसार किया और निवेशकों से रूपए प्राप्त किए। बी. एन. ग्रुप कम्पनी के डायरेक्टर्स एवं सीनियर मार्केटिंग मैनेजर के द्वारा निवेशकों से रूपया लेकर जो सार्टिफिकेट दिया गया. उस सार्टिफिकेट की समयावधि पूर्ण होने के एक वर्ष पश्चात निवेशकों की राशि का भुगतान करने के लिए चेक दिए गए, लेकिन उनके द्वारा दिए गए चेक बाउंस हो गए। केस लगाने पर उक्त पते पर स्थित कम्पनी का आफिस रातों रात बन्द कर दिया गया और जब निवेशकों द्वारा कम्पनी के पदाधिकारियों से सम्पर्क किया तो भुगतान में आनाकानी करने लगे, उसके बाद सब फरार हो गए। उसके पश्चात निवेशक/ आवेदकगण / परिवादीगण ने लिखित शिकायत आवेदन पुलिस अधीक्षक, जिला सीहोर को दिया, तब लिखित शिकायत आवेदन के आधार पर थाना कोतवाली, जिला सीहोर में प्रकरण के अभियुक्तगण हीरालाल वैष्णव, आशीष गुप्ता, मुनिन्दर लिखारे, विपिन सिंह यादव, के विरूद्ध भा०दं०सं०1860 की धारा 420 धारा 34 एवं म०प्र०निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा-6 के अन्तर्गत अपराध क्रमांक 150/2016 पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई एवं तत्कालीन विवेचना अधिकारी निरी. अजय नायर, उनि. शैलेन्द्र तोमर, सउनि. नन्दराम अहिरवार के द्वारा प्रकरण का अनुसंधान किया गया एवं सम्पूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियोग-पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन पक्ष द्वारा अभिलेख पर आई साक्ष्य एवं विधि के प्रावधानों के आधार पर बहस की जिससे सहमत होते हुए माननीय न्यायालय श्री संजय कुमार शाही, विशेष न्यायालय, सीहोर ने अभियुक्तगण हीरालाल वैष्णव पिता कन्हैयालाल वैष्णव, नि. ग्राम कदवाली थाना क्षिप्रा, इन्दौर, मुनिन्दर पिता लालचन्द्र लिखारे, निवासी लोधीखेडा, तह. सौंसर, जिला छिन्दवाडा, आशीष पिता एम.पी. गुप्ता नि. विजय नगर, इन्दौर, विपिन यादव पिता अभिलाख सिंह नि. हरीशचन्द पुरा, थाना देहात भिण्ड, जिला भिण्ड, प्रत्येक आरोपी को धारा 409 सहपठित धारा120 बी भादवि में 10 -10 वर्ष एवं 5,055,000 – 5,055,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 420/120 बी भादवि में 5-5 वर्ष, एवं 5,055,000 – 5,055,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 6 निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम में 5-5 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 50,550,000- 50,550,000/- रूपये कुल 242,640,000 (चौबीस करोड छब्बीस लाख चालीस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
शासन की ओर से पैरवी श्री प्रमोद अहिरवार, सहा. जिला अभियोजन अधिकारी, सीहोर द्वारा की गई।
नोट:- चिटफंड संबंधित मामलों में शासन स्तर पर माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के मार्गदर्शन में समय-समय पर समीक्षा की जाती थी जिसके संबंध में समय-समय पर माननीय संचालक महोदय श्रीमान अन्वेष मंगलन, लोक अभियोजन संचालनालय, म.प्र. भोपाल एवं माननीय कलेक्टर महोदय श्री चन्द्र मोहन ठाकुर एवं माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय श्री मयंक अवस्थी एवं तत्कालीन जिला अभियोजन अधिकारी श्री देवन्द्र सिंह ठाकुर की जिला स्तरी समिति के तहत समय-समय पर पुलिस कन्ट्रोल रूम सीहोर में अभियोजन अधिकारियों के साथ मीटिग आयोजित की जाकर प्रकरण में सफलता प्राप्त हुई।