बैतूल खुलासा ब्यूरो चीफ राहुल नागले
संभव है कि मृतक छात्र शिक्षक की मानसिक प्रताड़ना से ग्रसित हो जिसके कारण चांटे का असर मृत्यु का कारण बन चुका है।
अगर यह साबित होता है कि मृत छात्र राम शिक्षक के क्रूर व्यवहार से मानसिक रूप से प्रताड़ित था जिस के डर से चाटे की मार से उसकी मौत हो चुकी है तो गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होता है
आशंका जताई जा सकती है कि इन सब घटनाओं को छुपाने के लिए पत्रकारों के साथ मारपीट अभद्र व्यवहार करके जान से मारने की धमकी दी गई है तो पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद के द्वारा विशेष जांच करवा कर मामले का खुलासा किया जाना न्याय हित मे होगा ।
क्या है पूरा मामला जाने..
बैतुल – नांदा के ग्राम पाट स्कूल का चर्चित मामला शिक्षक तुलसीराम यादव के चाटे से छात्र मृत राम पिता रामदास भलावी की सही जांच पड़ताल करके प्राचार्य आशा चौरसे से मामले की पुरी जानकारी इकट्ठा करने के लिए जिससे खबर प्रकाशित की जा सकती थी। जानकारी के अनुसार बैतूल के पत्रकार शशांक सोनक पुरिया पत्रकार स्वदेश न्यूज़ एवं नितिन आर्य विजय आर्य स्कूल पहुंचे परंतु प्राचार्य आशा चौरसे मौके पर मौजूद नहीं थी जिसका इंतजार बैतूल से पहुंचे पत्रकार कर रहे थे । जिसकी जानकारी मिलते ही प्रदीप यादव ,राजकुमार यादव , द्वारा स्कूल के छात्राओं एवं छात्र को उकसाकर उन्हें पत्रकारों को घेराबंदी करने के इशारे कर दिए गए। तब शिक्षक तुलसीराम यादव आसाराम यादव द्वारा पत्रकारों को कवरेज करने से रोका गया बल्कि स्कूल परिसर के अंदर असामाजिक तत्व को इकट्ठा करके पत्रकारों के साथ साथ मारपीट पर उतारू हो कर मोबाइल फोन एवं कैमरा से डाटा / सबूतों को नष्ट करने के इरादे से छीन कर पटक दिया गया। इन सब परिस्थितियों के पैदा होने से आदिवासी छात्र राम भलावी की मृत्यु का सही कारण मीडिया समाचार पत्रों एवं टीवी चैनल में प्रकाशित नहीं कर पाई जिला मुख्यालय से पहुंचे न्यूज़ चैनल एवं समाचार पत्रों के पत्रकारों को सही जानकारी देकर सहयोग करने के बजाए अगर उनसे जानकारी छुपाई गई है।बल्कि जानबूझकर डरा कर मां बहन की गंदी गाली देकर जो सुनने में बुरी भी लगी है। तथा जान से मारने की धमकी देकर अपराधिक घटना को अंजाम दिया गया है। पत्रकारिता की स्वतंत्रता का अधिकार हनन करके कवरेज करने से रोका गया तथा घटना स्थल से लौटाया दिया गया है। तो इससे स्पष्ट है कि आदिवासी छात्र राम भलावी की मृत्यु का पूरा सच जानबूझकर छुपाया जाकर सत्यता एवं सबूतों को नष्ट करने की योजना बनाई जा चुकी है। जिससे सवाल यह उठता है। कि इस मामले में बैतूल से पहुंचे तीनो पत्रकारों को स्कूल के शिक्षकों ने सही जानकारी देने के बजाय जान से मारने की धमकी देने वाले शिक्षक और चौकीदार आरोपियों को निश्चित ही आदिवासी छात्र राम भलावी की मृत्यु की सही जानकारी रखते हैं अब होना यह चाहिए कि इस मामले को पुलिस अधीक्षक माननीय श्रीमाला प्रसाद अपने निजी कार्यालय के संज्ञान लेकर प्रदीप यादव राजकुमार यादव शिक्षक तुलसीराम यादव शिक्षक आसाराम यादव को तत्काल पुलिस कस्टडी में लेकर थाने से जमानत का लाभ ना देते हुए छात्र की मृत्यु के संबंध में पूरी सही जानकारी प्राप्त करें मामला पंजीबद्ध करें बल्कि पत्रकार शशांक सोनक पुरिया की एवं विजय आर्य नितिन आर्य की लिखित शिकायत एवं कथन लिए जाकर मामला दर्ज करके आरोपियों को न्यायालय पेश करें।जिसे आदिवासी मृत छात्र राम भलावी की चाटे मृत्यु होना अस्वाभिक लगती है।भूल चुक से त्रुटि सुधार करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं ।