बहराइच जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र ने 10 जून के दिन को बहराइच जनपद के लिए ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने संदेश जारी कर कहा है कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के आन्दोलन में भारत माता की रक्षा के लिए तरूणायी अवस्था में अंगे्रजों से अदम्य साहस, पराक्रम, वीरता, धीरता, मातृभूमि की रक्षा के लिए युद्ध की कमान का नेतृत्व करने वाले 18 वर्षीय चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह का जन्म 10 जून 1858 को इसी दिन हुआ था। वह अंग्रेजी सेना के छक्के छुड़ाते हुए अपनी वीरता के अमरत्व की कहानी का इतिहास रचते हुए वीरगति को वह प्राप्त हुए थे। वहीं जनपद बहराइच के इतिहास में महराजा सुहेलदेव का भी अपना अलग इतिहास है। उनकी वीरता की कहानी भी एक इतिहास लिख रही है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि बौण्डी की उस खण्डहरनुमा इमारत में चहलारी नरेश की वीरता की अनुगूंज आने वाले पीढि़यों को युगो-युगों तक प्रेरणा देती रहेगी। मैने स्वयं उस पथ भूमि का दर्शन कर उस मिट्टी को प्रणाम किया है जहां राजा बलभद्र सिंह के बचपन की किलकारियों की अनुगूंज के साथ उनके बलिदान की वीरतापूर्वक सहादत की अनुगूंज आज भी सुनाई देती है। मै गौरान्वित एवं गर्व के साथ अपने भाव अभिव्यक्त करते हुए उस वीर पुरूष को शत-शत नमन करता हूं। जिस पावन भूमि में मुझे जिलाधिकारी के पद पर सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ।