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अवैध सिचाई से पार्वती नदी मे घट रहे जल स्तर पर जल्दी शक्ति नही हुई तो नगर मे गर्मी पूर्व ही पेयजल समस्या हो जायेगी

सुठालिया तेहसिल व्युरो ओम प्रकाश कुशवाह

1998-99 मे आई थी पेयजल योजना, उस समय वस स्टैंड पर वनी टंकी से ही नगर मे हो रही है जल सप्लाई

सुठालिया-नगर मे गर्मी से पूर्व ही जल संकट गहरा सकता है।वारिश को फिलहाल छे माह है।
नगर मे घोघरा घाट स्थित पर्वती नदी पर बने इन्टेकवेल के माध्यम से जल सप्लाई होती है।

जल स्तर धीरे धीरे गिरने और पार्वती नदी मे अवैध मोटरो द्वारा सिंचाई होने से नदी का पानी इन्टेकवेल से खिसकता जा रहा है।गौरतलब है की डेम मंजूर होने से शासन ने अधिकांश किसानो को जमीन की राशि दे दी है।
उसके बावजूद पूर्ण अधिग्रहण नही हुआ है।उसी भूमि पर खेती हो रही है।

समय रहते जिम्मेदारो ने रवी फसल के बाद छेत्र के किसानो को हरे मुंग की फसल बोबनी से नही रोका तो गर्मी के पूर्व ही जिले के कई छेत्र सी स्थिती वन सकती है।
फिलहाल दो तीन दिनो से नल कम आ रहै है।

*पार्वती पेयजल योजना एक नजर मे*
नगर मे सन 2016-17मे दस करोङ की पार्वती पेयजल योजना शासन से मंजूर हुई थी।

योजना के अंतर्गत ठेकेदार ने पार्वती नदी मे पाल, इन्टेकवेल,सम्भूपुरा पहाङी पर फिल्टर प्लांट ,सहित नगर मे पाईप लाईन विछाई थी।
योजना मे टंकी नही थी।
दो पूर्व मे वनी टंकी के चलते योजना मे टंकी नही ली थी।
फिलहाल नगर मे जल सप्लाई 1998-99मे वस स्टैंड पर वनी पांच लाख लीटर की टंकी से हो रहा है।
टंकी की कमी को देखते नपा ने परलापुरा वार्ड क्र 13मे 15वर्ष पूर्व दो लाख लीटर की एक और टंकी वनवाई थी।सिरूवाती समय मे नगर मे 500के आसपास नल कनेक्शन थे।जो जनसँख्या अनुसार बङते गये।
नपा से मिली जानकारी के अनुसार मोजूदा स्थिती मे 1800से अधिक नल जल कनेक्शन है।जो निरंतर बङ रहे है।
पार्वती डेम वनने से डूब क्षेत्र के विस्थापित के लिए जल की मांग दोगुनी से अधिक होगी।
फिलहाल नगर मे वीस लाख लीटर पानी की अवश्यकता है।
नगर की दोनो टंकी पूरी भी भरी जाये तो महज सात लाख लीटर ही जल एकत्रित हो सकता है।
वार्ड क्र 1,2,3के लिये खंदी।वार्ड क्र 7-8के लिये गङी मोहल्ले के लिए बंदे के ऊपर सहित सिलावट मोहल्ले मे दो से तीन टंकी की सख्त जरूरत है। ताकी नगर मे जल सप्लाई विधिवत हो सके।
वस स्टैंड स्थित बङी टंकी भी 25साल पुरानी है। वहा भी बङी टंकी की पर्याप्त जगह है। 1998-99मे पचास लाख की पेयजल योजना आई थी नगर मे ।नगर मे सर्वप्रथम नल जल योजना 1998-99मे आई थी उस योजना के तहत नगर मे टिय्यूव वेल के माध्यम से पानी वस स्टैंड स्थित टंकी मे जाता था।वहा से नगर मे सप्लाई होता था।

नगर का जल स्तर गिरने से 16से अधिक वोर तीन चार वर्ष पूर्व ही कोलेप्स हो गए है। वर्तमान स्थिती मे जरूरत क्या है.नगर के फैलाव को देखते हुए वर्तमान स्थिती मे पर्वती नदी से अवैध सिचाई बंद हो।

नगर मे 20लाख लीटर पानी के लिए बङी टंकिया वने।
इन्टेकवेल और फिल्टर प्लांट पर 50-50हार्ष पावर की मोटर लगे। जल प्रदाय शाखा मे फिलहाल 7-8कर्मचारी है।जो मेन्टीनेस को देखते कम है।इनकी तादात बङे। पानी की कमी के कारण इन्टेकवेल का ओचित्य नही पेयजल योजना के अंतर्गत पर्वती नदी मे इन्टेकवेल(कुआ) वनाया गया है।उसके अन्दर मोटर लगा कर पानी सम्भूपुरा की पहाङी पर स्थित फिल्टर प्लांट पर आना चाहिए।

नदी का जल स्तर गिरने से पानी इन्टेकवेल मे नही आता है।एसे मे नपा द्वारा नदी मे मोटर लगातार सीधा पानी खीचा जाता है। जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है नगर परिषद इंजिनियर निखिल कचनारिया का कहना है की— हमने 1.65करोङ की अम्रत 2 पेयजल योजना मंजूरी के लिए राज्य शासन को भेजा है। जल्द स्विक्रत करवाने की कोशिश कर रहे है।डेम वनने के साथ ही दो तीन वर्ष मे जल सप्लाई का पूर्ण समाधान हो जायेगा।वर्जन तेहसिलदार दोजिराम अहिरवार-पहले प्रथमिकता पेयजल की है।जमीने अधिग्रहण हो चुकी है। अगर कोई अवैध मोटर पार्वती मे मिलती है तो केस वनाकर जेल भेजेंगे।

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