निष्पक्ष जाँचकर दोषियों के ऊपर भारतीय दण्ड विधान की धारा के तहत कार्यवाही हेतु राज्यपाल महामहिम जी के नाम ज्ञापन सौपा
भैंसदेही/मनीष राठौर
ग्राम पंचायत गुरसिया थाना बांगो जिला कोरबा छत्तीसगढ़ के चौक मे गोंडवाना के 89 वे शंभु के रूप में, गोंडवाना रत्न / पूर्व विधायक तानाखार / पूज्यनीय दादा हिरा सिंह मरकाम जी के स्थापित मूर्ति को दुर्भावनावश खंडित किये जाने के कारण
आज मंगलवार को युवा आदिवासी विकास संगठन भैंसदेही
मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद भैंसदेही के द्वारा उपरोक्त अंकित विषय पर प्रदर्शन कर निम्नांकित मांगों के संबंध में महामहिम जी के नाम ज्ञापन सौपा गया, और यथाशीघ्र कार्यवाही की मांग करते हैं। गौरतलब है कि गोंडवाना भूमि में 88 शंभू गोंडवाना समाज के अद्वितीय प्रभावशाली चिंतक और साधक जिन्हें आज भी संसार पूजता है) हुए है। ऐसी मान्यता रही है। दादा हिरा सिंह मरकाम जी के पंचतत्व में विलीन होने पश्चात दादा मरकाम के प्रभाव और उनके आभा प्रभाव को समाज में देखते हुए पूरे देश के मुख्य भूमिका पुजारी, साधको, समाज प्रमुखों ने श्रद्धेय दादा हिरा सिंह मरकाम को ” गोंडवाना भूमि का 89 वे शंभू के रूप में घोषणा और मान्यता देकर सम्मानित किया है, इस तरह से दादा हिरा सिंह मरकाम गोंडवाना समाज में 89 शमू के रूप मे धार्मिक रूप से पूजे जाते है ।
यह कि दादा मरकाम जी के अनुयायी आज पूरे देश में उनके सिद्धान्तों को समाज में दिशा देने की मंशा से चौक चौराहो पर अद्ध्ये दादा हिरा सिंह मरकाम जी का मूर्ति स्थापित कर उनके प्रति आस्था समर्पित कर रहे है और इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायत गुरसिया जिला कोरबा में सामाजिक और राजनीतिक अनुयायी के द्वारा 22. श्रध्ये दादा मरकाम की मूर्ति दिनांक- 10 फरवरी 2022 को विधि-विधान, सामाजिक रूढि, एवं परम्परानुसार स्थापित किया गया था। जिसे अज्ञात असामाजिक तत्वों के द्वारा दुर्भावनापूर्वक दिनांक 17 फरवरी 2022 को खंडित कर दिया गया है, धड़ से सर को इस तरह अलग किया गया है कि उसे देखने मात्र से गोंडवाना समाज में जनाकोश अपनी सीमाओं को तोड़ सकता है उपरोक्त घटना एक सोची समझी साजिश के तहत् योजनाबद्ध तरीके से कराया गया है, प्रथम सूचना रिपोर्ट के बाद पुलिस प्रशासन का निष्कृयता समझ से परे है। उक्त साजिश घटना के बाद गोंडवाना भू-भाग के समस्त मूल निवासी वर्ग बुद्धीजीवी लोगो और दादा मरकाम जी के अनुयायियों में व्यापक रोष है। और स्थिती कभी भी विस्फोटक (बेकाबू आंदोलन) हो सकता है।उपरोक्त साजिश घटना का गोंडवाना आदिवासी समाज घोर निंदा करती है क्योंकि इस घटनाक्रम में दो वर्गों को लडाने एवं समाज में अशांति फैलाने के साथ सामाजिक एवं धार्मिक भावनाओं को भड़काने का षडयंत्र स्पष्ट नजर आ रहा है ।अतः महामहिम जी से आग्रह / निवेदन है कि उक्त मामले में आप पाँचवी अनुसूची क्षेत्र होने के कारण एक संरक्षक के हैसियत से शासन प्रशासन को आवश्यक कार्यवाही हेतू आदेशित करने की कृपा करे तथा भा०द०वि० की धारा 295 (क) धार्मिक भावनाओं को पहुंचाने, धारा 153 (क) (धर्म और मूलवंश के विरूद्ध अपराध), धारा 124 (क) (राजद्रोह), धारा 427 (लोक संपत्ति को क्षति), धारा 268 के तहत दोषियों पर कठोर कार्यवाही किये जाने की कृपा करे।