जिला ब्यूरो रूपेन्द्र राय
निवाड़ी (ओरछा) – वर्तमान शिक्षा व्यवस्था का व्यापारीकरण होने से शिक्षा बेकार हो चुकी है l वैदिक काल की शिक्षा अवस्था सबसे अच्छी थी जहां विद्यार्थियों को 64 कलाओं में पारंगत किया जाता था यह प्रवचन श्रीमद् भागवत कथा के दौरान श्री मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज ने व्यक्त किए l
सुरभि गौशाला ओरछा में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया है जिसमें आज श्रीमद् भागवत कथा सुनाते हुए श्री मलूक पीठाधीश्वर महाराज ने भगवान राम कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया l कथा सुनाते हुए श्री देव आचार्य जी ने कहा कि वर्तमान में व्याकरण पर किसी का ध्यान नहीं है उन्होंने कहा कि स्वर आदि में अशुद्धि होने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है पुराण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब ब्राह्मण सदेह स्वर्ग जाने के लिए यज्ञ कर रहे थे, उस समय स्वर ठीक ना होने के कारण वह स्वर्ग नहीं जा पा रहे थे l जबकि यज्ञ , मंत्र सभी ठीक थे l लेकिन एकमात्र स्वर के कारण उनको यज्ञ में सफलता नहीं मिल पा रही थी l उन्होंने सभी पढ़ने वालों से व्याकरण को पढ़ने की अपील की है l मलूक पीठाधीश्वर महाराज ने कहा कि वैदिक काल की शिक्षा व्यवस्था सबसे अच्छी थी,जहां सभी प्रकार के विद्यार्थी एक साथ अध्ययन करते थे, जहां राजा का पुत्र और सेवक का पुत्र एक साथ शिक्षा ग्रहण करते थे, भूमि पर कुशा की चटाई बिछाकर सोते थे l उन्हें 64 कलाओं की शिक्षा गुरुकुल में दी जाती थी l वर्तमान शिक्षा व्यवस्था सबसे खराब है, जिसमें यदि बच्चों की नौकरी शासकीय या अशासकीय संस्थाओं में जब नहीं लगती है, तब वह बेकार ही हो जाते हैं l उन्होंने कहा कि गुरुकुल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ मकान बनाना, इंद्रजाल सहित सभी 64 कलाओं में पारंगत किया जाता था l ओरछा के संस्कृत विद्यालय के बंद हो जाने पर उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि यह सभी को प्रयास करना चाहिए कि विद्यालय पुनः प्रारंभ हो सके l उन्होंने कहा कि जैसा विद्यालय जड़खोर गोधाम में चल रहा है , श्री राम राजा सरकार कृपा करें कि श्री सुरभि गौशाला में भी वैसा ही एक विद्यालय प्रारंभ हो जाए l
अयोध्या के राम मंदिर बनने के पहले तैयार हो जाए ओरछा का कनक भवन मंदिर
सुरभि गौशाला में चल रहे महोत्सव के दौरान मलूक पीठाधीश्वर महाराज ने कहा कि आज बड़े ही प्रसन्नता की बात है कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे रामलला के मंदिर के गर्भ ग्रह की आधारशिला रखी गई उन्होंने कहा कि जल्दी ही भव्य मंदिर तैयार हो जाएगा उन्होंने इच्छा व्यक्त की की वेत्रवती के किनारे श्री लंका दहन हनुमान जी की भूमि पर बन रहे नवीन कनक भवन मंदिर का निर्माण उससे पहले हो जाए ताकि देश के संत यहां प्रतिष्ठा में आ सकें l गौरतलब है कि श्री लंका दहन हनुमान जी की भूमि पर श्री मलूक पीठाधीश्वर महाराज के निर्देशन में नवीन कनक भवन मंदिर श्री लंका दहन हनुमान मंदिर का निर्माण चल रहा है l
महाराज जी द्वारा श्री कृष्ण जन्म की पर गाई गई बधाई गीतों पर श्रोताओं ने झूम झूम कर नित्य किया और महाराज जी द्वारा बधाइयां लुटाई गई
संतो अतिथियों की रही उपस्थिति
धूनी वाले दादा धाम खंडवा खेड़ी घाट के छोटे सरकार , कुरुक्षेत्र से सागरिया दयानंद शास्त्री, मदन बाबा वृंदावन, भगवती शर्मा जड़खोर गोधाम, राधिकादास रूंगटा बरसाना, अतुल अग्रवाल दिल्ली , सरिता गोयल बटाला पंजाब, डॉक्टर पवन शर्मा , रामबाबू वैद्य जी जड़खोर, सुशील का बड़ा शहर हजारों भक्त मौजूद रहे l