मुकेश गोस्वामी, ब्यूरोचीफ श्योपुर।
नर चीता वायु तीसरे दिन भी श्योपुर शहर के बेहद नजदीक मौजूद है। कूनो पार्क के अफसरों को उम्मीद थी की चीता वायु रविवार रात तक जंगल में लौट आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सोमवार सुबह,चीते की लोकेशन ढेंगदा और श्योपुर शहर के बीच मिली है। इससे शहर में दहशत है।
सोमवार सुबह से चीता मोर डूंगरी नदी के पास संचालित क्रेशर से कुछ ही दूर खेत में पेड़ के नीचे बैठा हुआ है। वन विभाग की टीम चीते पर नजर बनाए हुए है। स्थानीय लोगों ने बताया कि चीता रात भर बिल्ली और सियार से मिली-जुली आवाज में चिल्लाता रहा। आसपास के ग्रामीणों में दहशत हुई है।
ढ़ेंगदा गांव निवासी गिर्राज का कहना है कि चीता हमारे खेतों के पास पेड़ो के नीचे है। रात भर उसके चिल्लाने की आवाज आती रही। डर के मारे हम लोग 24 घंटे से अपने खेत में नहीं गए हैं। 4 दिसंबर को चीता अग्नि और वायु को जंगल में छोड़ा गया था। अग्नि ने भी पार्क की सीमा को लांघते हुए विजयपुर व मुरैना का रुख किया था। वहीं, चीता वीर श्योपुर पहुंच गया।
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24 घंटे में 100 मी भी नहीं चला चीता
श्योपुर के नजदीक पहुंचा चीता वायु बीते 24 घंटे से क्रेशर के नजदीक खेत में पेड़ के आसपास ही घूम रहा है। उसने 100 मीटर भी मूवमेंट नहीं किया है। इसकी पीछे ये वजह बताई जा रही है कि पास ही स्थित दूसरे क्रेशर के चालू होने से तेज आवाज आ रही है। वहीं एक और वन विभाग की गाड़िया खड़ी हुई हैं।
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हमेशा साथ रहते हैं चीता अग्नि और वायु
कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़े गए अग्नि और वायु चीता रिश्ते में सगे भाई हैं। वह दक्षिण अफ्रीका में भी साथ रहते थे और कूनो नेशनल पार्क आने के बाद भी एक साथ रहे हैं। दोनों एक साथ शिकार करते और खाते हैं। इस वजह पार्क में दूसरे चीतों के साथ भी इनकी भिड़ंत भी हो चुकी है। कूनो नेशनल पार्क के जंगल में उन्हें पूर्व में भी छोड़ा जा चुका है। ये तब भी वह एक साथ रहते थे लेकिन, इस बार वह अलग हो गए हैं।
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चीता कहां है हम उसकी लोकेशन के बारे में नहीं बता सकते। आप अगर वहां हैं तो उसके साथ घूमिए, इससे रिलेटेड कोई बात हम शेयर नहीं करेंगे।
उत्तम शर्मा
कूनो नेशनल पार्क
फोटो नंबर- 03
कैप्शन- चीते की सर्चिंग करती कूनो की टीम।