सुदर्शन टुडे राजगढ़
राजगढ: बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए अब सरकार और सामाजिक संगठन मिलकर प्रयास कर रहे हैं। इस दिशा में अहिंसा वेलफेयर सोसायटी ने विगत दो दिनों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता के लिए एक विशेष पहल की और “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत राजगढ़ जिले के 50 गांवों एवं 100 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं, बच्चों एवं समुदाय के लोगों के साथ केंडल मार्च का आयोजन किया। इस केंडल मार्च में न केवल ग्रामीण महिलाएं, बल्कि समुदाय के सभी वर्गों ने भी सक्रिय भागीदारी की, जिससे यह अभियान सफल और प्रभावशाली बना। केंडल मार्च का उद्देश्य बाल विवाह के खिलाफ जन जागरूकता पैदा करना है। इस दौरान गांव-गांव में महिलाएं और पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी साथ में चलकर इस कुप्रथा के प्रति अपनी नफरत और विरोध को प्रकट करते हुए संकल्प लिया कि वे इसे जड़ से उखाड़ फेंकेंगे। यह आयोजन रात के समय किया गया, ताकि लोग इस संदेश को गहरे से महसूस कर सकें और एकजुट होकर बाल विवाह के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकें। सामुदायिक सहभागिता इस अभियान की सफलता की कुंजी रही। खासतौर पर महिलाओं ने अपनी आवाज उठाई और यह सुनिश्चित किया कि बाल विवाह को समाप्त करने के लिए वे हर संभव कदम उठाएंगी। उन्होंने न केवल अपने गांवों में बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी बाल विवाह के प्रति जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। अहिंसा की इस पहल से समाज का हर वर्ग, खासकर महिलाएं, बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। इस अभियान के माध्यम से यह समुदाय की सामूहिक कोशिशों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है, और बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई को सशक्त किया जा सकता है।