देवराज चौहान सुदर्शन टुडे
राजगढ़। पिछड़े जिले को उभारने के उद्देश्य से शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर जिले को दो बड़ी जल परियोजनाओं की सौगात देते हुए उनका निर्माण कराया गया हे। निर्माण के साथ ही कुछ वर्षों से जिले के सबसे पिछड़े व पथरीले क्षेत्र तंवर वाड़ को पानी भी मिलने लगा हे। जिससे किसान भी समृद्ध होने लगे थे। लेकिन ठेकेदारों द्वारा बिछाई गई अंडरग्राउंड लाइनो में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाने के कारण लगातार लाइनों में लीकेज के साथ ही कई समस्याएं ऐसी सामने आ रही है जिससे बॉक्स तक तो पानी पहुंच रहा है। लेकिन किसानों के खेत में लगे आउटलेट में पानी नहीं पहुंच रहा। जिससे किसान काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं ।साथ ही अभी भी राजगढ़ के समीप के करीब 10 गांव जिन में राजपुरा, गेहूं खेड़ी, बरखेड़ा, नाना गांव, तलाई खेड़ा ख़ारचा खेड़ी, हताई खेड़ा, मोतीपुरा आदि गांव में लाइने तो बिछाई जा चुकी हैं लेकिन उन्हें अभी भी पानी नहीं मिल सका। यही कारण है कि गुरुवार को इन गांवों के किसान राजगढ़ के पूर्व विधायक हेमराज कल्पोनी के साथ मोहनपूरा के दफ्तर पहुंचे जहां उन्होंने टेक्निकल ई ई संदीप दुबे से चर्चा करते हुए अपनी समस्या बताई। किसानों ने कहा कि जब हमारे खेतों तक पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है तो हमें अभी भी पानी क्यों नहीं मिल रहा। इस पर अधिकारी ने उन्हें संतुष्ट करते हुए कहा कि इस वर्ष आपका क्षेत्र हमारे फेस में नहीं है। लेकिन पानी की आवश्यकता सभी को है।ऐसे में मैं टीम भिजवाकर दिखवा लेता हूं कहीं से वैकल्पिक व्यवस्था होती है तो करने का प्रयास करेंगे। इस पर किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तीन दिवस में हमें पानी नहीं मिला तो हम आंदोलन करेंगे। ना प्रेशर आ रहा ना आउटलेट में पानी। रोज्या पंप हाउस से किसानों को मिलने वाला पानी भले ही 10 नवंबर से शुरू हो चुका हो लेकिन अभी भी करेड़ी व आसपास के क्षेत्र में इन लाइनों में न प्रेशर आ रहा है और ना ही आउटलेट में पानी यहां तक की जो पानी रोजा पंप हाउस से छोड़ा जा रहा है। उसमें भी कई जगह नदी नालों में बहता हुआ देखा जा सकता है। यही कारण है कि जगह-जगह लाइनों में जुगाड़ लगे होने के कारण किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में किसान लगातार सिस्टम से जुड़े इंजीनियर एसडीओ आदि से संपर्क करते हुए उनसे इस समस्या का समाधान करने की गुहार भी लग रहे हैं। पानी के इंतजार में हो रहा बीज खराब।
किसानों को जैसे ही मोहनपुरा परियोजना के रोज्या पंप हाउस से 10 तारीख से पानी मिलने की जानकारी मिली थी उसके पहले ही किसानों ने अपने खेतों में रबी फसल की बोनी करते हुए पानी आने से पहले ही पाठ तैयार कर लिए थे। लेकिन अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हुई इस पाइपलाइन से मिलने वाले पानी से हो रही देरी के कारण अब किसानों का बीज खेतों में ही सड़ कर खराब होने की स्थिति में दिखाई दे रहा है। ऐसे में एक तरफ जहां लाइनों में प्रेशर नहीं आ रहा वहीं इस बार कुआ ट्यूबवेल आदि का जलस्तर कम होने के कारण किसान अपने खेतों में सिंचाई भी अन्य स्रोत से नहीं कर पा रहा है। लेकिन फील्ड में काम करने वाली परियोजना की टेक्निकल टीम अभी भी किसानों को संतुष्ट करने में अपनी कोई भूमिका निभाते नहीं दिखाई दे रही।
इनका कहना,,,
क्षेत्र के विकास के लिए बने मोहनपुरा डैम से सभी किसानों को नियम अनुसार पूरा पानी देने के लिए सरकार ने यह निर्माण कराया है। लेकिन टीमवर्क सही नहीं होने के साथ ही ठेकेदारों द्वारा किए गए घटिया निर्माण के कारण आज किसान परेशान हो रहे हैं।कई जगह कंपनी के कर्मचारी ही लापरवाही पूर्वक काम करते हुए किसानों को पानी से वंचित रख रहे हैं। जो कि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तीन दिन का अल्टीमेटम विभाग के अधिकारियों को दिया है। अगर किसानों को हो रही समस्या का समाधान नहीं होगा तो किसानों के साथ मिल कर आंदोलन करेंगे।
हेमराज कल्पोनी
पूर्व विधायक राजगढ़
कुछ गांवों के किसान आए थे लेकिन डी टू एरिया अभी हमारे फेस में नहीं हे इस कारण उन्हें पानी नहीं मिल सका।हमने टीम भेजी हे अगर वैकल्पिक कोई व्यवस्था होती हे तो करने का प्रयास करेंगे अन्य स्थानों पर जो लीकेज के कारण प्रेशर रुका हुआ है उसे भी सही करवाता हूं।
संदीप दुबे
ई ई मोहनपुरा परियोजना