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जमीं हुआ करती थी सख्त और बेरुखी बचपन में हमारे अब हम पतंगे उड़ाते हैं और आसमां मोहब्बत करता है हमसे

जमीं हुआ करती थी सख्त और बेरुखी बचपन में हमारे
अब हम पतंगे उड़ाते हैं और आसमां मोहब्बत करता है हमसे

 

तिल-गुड़ से सीखिये संगठित होना: सभापति सुज्जुसिह ठाकुर

पतंगबाजी से भरिये जीवन में उल्लास: सीएमओ सावरे

भैंसदेही/मनीष

 

भैंसदेही में मकर संक्रांति पूरे देश में हर्षोंल्लास से मनाया जा रहा है। सूर्यदेव की अराधना, तिल-गुड़ खाने और पतंग उड़ाने के साथ ही मकर संक्रांति पर्व कई संदेश देता है, हमें जीवन प्रबंधन की कला सिखाता है। संक्रांति यानी सूर्य का उत्तरायण, सूर्य धीरे-धीरे दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने लगते हैं। जो हमें जीवन में सकारात्मकता लाने और प्रकाश की ओर बढ़ने का संकेत देता है। तिल-गुड़ के संगम से संगठन की क्षमता, लोहड़ी की अग्नि में क्रोध और ईर्ष्या को जलाना और पतंगबाजी से जीवन में उल्लास लाने व खुशियां बांटने के संदेश मिलते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर नगर में आनन्द उत्सव कार्यक्रम के तहत अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में सामुहिक रूप से पतंग बाजी का कार्यक्रम किया गया। जिसमे भाजपा पार्षद एव राजस्व सभापति सुज्जुसिह ठाकुर , सीएमओ आत्माराव सावरे , कर्मचारियों में अशोक कुबड़े , ललित उईके , सौरभ राजुरकर , सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। साथ ही आमंत्रण पर पत्रकार मनीष राठौर , मोहित राठौर , ललित छत्रपाल सहित नगर के तमाम पतंग उड़ाने वाले युवयो ने कार्यक्रम में हिस्सा लेकर उत्साह , उमंग , आनन्द की अनुभूति प्राप्त कर कार्यक्रम का लुप्त उठाया।

*पतंगबाजी से भरिये जीवन में उल्लास: सीएमओ सावरे*
मकर संक्रांति पर नगर वासियों को शुभकामनाएं देते हुवे बताया कि यह पतंग उड़ाने की परंपरा है, पतंगबाजी हमें जीवन में उल्लास सिखाती है, यह संदेश देती है कि किस तरह हम जीवन को रंगों से भर सकते हैं, वहीं पतंग की डोर हमें संदेश देती है कि उड़ान कितनी ही उंची हो, उसकी कमान हमेशा सही हाथ में होनी चाहिए, नहीं तो वह जीवन को भटका सकती है। बस अगर अपने त्यौहारों के पीछे छुपे इस फंडे को हम समझ गए तो त्यौहार हम सिर्फ परंपरा निभाने के लिए नहीं मानते , बल्कि जीवन को सकारात्मक बनाने के लिए भी मनाते है।

*तिल-गुड़ से सीखिये संगठित होना: सभापति ठाकुर*
नगर परिषद भैंसदेही के भाजपा वार्ड क्र.12 के पार्षद एव राजस्व विभाग के सभापति ने नगर वासियों को शुभकामनाएं देते हुवे यह संदेश दिया कि हमारे शास्त्रों के अनुसार तिल को सृष्टि का पहला अन्न माना गया है। इसलिए हमेशा हवन-पूजन में तिल का प्रयोग होता है। इसे पानी में डालकर स्नान करने से स्वास्थ्य लाभ होता है, वहीं इसके तेल की मालिश से त्वचा में चमक आती है। इसे गुड में मिलाकर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है। गुड़ में मिले तिल के दाने हमें संगठन का संदेश देते हैं, वहीं गुड़ रिश्तों में मिठास की सीख देता है।

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