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नर से नारायण बनने के लिए मनुष्य जन्म मिला है – महेंद्रमुनिजी

– बदनावर। बखतगढ़ धर्म उत्कृष्ट मंगलकारी एवं महान होता है। नर का जन्म प्राप्त किया है तो नर से नारायण बनने के लिए यह मनुष्य जन्म मिला है। छल कपट से तिर्यंच्च गति मिलती है। अनादि काल से जीव 84 लाख जीवायोनि में भटक रहा है। अनंत पुण्यवानी एवं अच्छे कर्म से यह मनुष्य जन्म प्राप्त हुआ है। कर्म के अनुसार चारों गति में जन्म होता है। ये प्रेरणादायी विचार मालव केसरीश्री सौभाग्यमलजी के सुशिष्य पंडित रत्नश्री महेंद्रमुनिजी ने श्रीवर्धमान स्थानक भवन बखतगढ़ में धर्मसभा में फरमाए। उन्होने आगे कहा कि यह मनुष्य जन्म धर्म, ध्यान, तप आदि करने के लिए मिला है। धर्म करने से कभी भी अमंगल नहीं होता है। दया धर्म ही सबसे बड़ा धर्म है। किसी भी जीव की हिंसा नहीं करना चाहिए और न ही हिंसा करने की भावना होना चाहिए। सदैव अहिंसा का पालन कर छः काय जीवों की रक्षा करना चाहिए। तप की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए मुनिश्रीजी ने कहा कि तपस्या का बहुत महत्व दर्शाया गया है। तप से कर्म क्षय होते हैं। अनंत महापुरुष आत्माओं ने तप के बल पर मोक्ष को प्राप्त किया है। आत्मा के अंदर रमण करने की आवश्यकता है। चारों गति में जो भटकाव हो रहा है वह मोहनी कर्म के कारण ही हो रहा है। आत्मा पर लगे कर्म ही सुख-दुख, जन्म मरण का कारण है। मोहनी कर्म से अशुभ कर्म बंधते हैं। कर्मों को भोगे बिना संसार के परिभ्रमण से छुटकारा मिलने वाला नहीं है।

संतों ने किया बदनावर विहार

बखतगढ़। व्यसन मुक्ति प्रणेता आचार्यश्री रामलालजी ‘रामेश’ के आज्ञानुवर्ती दीपकश्री प्रकाशमुनिजी एवं श्री किशोरमुनिजी ठाणा 2 का 7 जनवरी को दोपहर बाद बिड़वाल कोद से विहार कर बखतगढ़ में आशादेवी योगेंद्र मोदी के निवास पर मंगल पदार्पण हुआ था। मुनि वृंद ने यहां एक दिन धर्म प्रभावना कर 8 जनवरी को बदनावर विहार किया। इधर भुवन भानु सूरीजी समुदाय के आचार्यश्री राजेंद्रसूरीजी के आज्ञानुवर्ती पन्यासश्री कुलवर्धनजी एवं श्री हेमवर्धनजी ठाणा 2 ने जैन उपाश्रय पौषध शाला बखतगढ़ में विराजित रहकर एक दिन धर्म प्रभावना की। मुनि द्वय ने 8 जनवरी रविवार को नवकारसी के बाद प्रातः 9 बजे बखतगढ़ से बदनावर के लिए विहार किया। मुनि वृंद बड़नगर, उज्जैन, इंदौर आदि विभिन्न क्षेत्रों में विचरण करते हुए अकोला (महाराष्ट्र) की ओर विहार के भाव हैं। मुनि वृंद का गत वर्ष बुरहानपुर में चातुर्मास था। इस वर्ष नागपुर में चातुर्मास है।

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