पथरिया
जनपद पंचायत पथरिया में फर्जी पत्राचार कर कहीं गलत दिनांक चढ़ाकर कहीं गलत तरीके से हस्ताक्षर का खेल रचकर तो कहीं आवेदकों को नियत दिनांक के बाद पत्र जारी कर उपस्थित होने की बात कही जाती है और आवेदकों को गुमराह किया जाता है।जी हां कार्यालयीन पत्रों में दिनांक और हस्ताक्षरों का खेल इस तरह रचा जाता है कि आवेदक तो ठीक अधिकारी भी गुमराह हो जाएं जो अधिकारी जनपद पंचायत पथरिया में पदस्थ भी नहीं उनके हस्ताक्षर कार्यालयीन पत्रों पर करके आवेदकों और प्रशासन को गुमराह करने का यह पूरा खेल रच रहे हैं।
मामला इस प्रकार है
पथरिया जनपद की ग्राम पंचायत से एक आवेदक द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दिनांक 14 अक्टूबर 2022 एवं 15 सितंबर 2022 को पंचायत संबंधी जानकारी हेतु आवेदन किया था जिसके जवाब में लगातार आवेदक को एवं प्रशासन को गुमराह करने के उद्देश्य से लोक सूचना अधिकारी के द्वारा फर्जी तरीके से एडिट किए हुए पत्र जारी कर गुमराह किया जा रहा है।
बता दें कि उक्त सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दिए गए आवेदनों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने आवेदक को दिनांक 12 दिसंबर 2022 को उपस्थित होने के लिए पत्र जारी किए गए जिनमें से एक पत्र में आवेदक को बताया गया कि आपको पत्र क्रमांक 1900 के माध्यम से 28 नवंबर 2022 को एक पत्र जारी किया गया था जिसमें 12 दिसंबर 2022 को उपस्थित होने कहा गया था लेकिन आवेदक अनुपस्थित रहा जबकि आवेदक के अनुसार उसे 28 दिसंबर 2022 को पत्र प्राप्त हुआ। बता दें कि उक्त पूरे मामले में आवेदक के लिए 28 नवंबर 2022 में पत्र जारी किए जाने की बात कही जा रही है जिसमें प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेंद्र जैन को बताया जा रहा है जबकि 28 नवंबर 2022 के पहले ही जनपद सीईओ जितेंद्र जैन का तबादला पथरिया से हो चुका है जिसमें आवेदक को गुमराह है किया जा रहा है।
निलंबित अधिकारी के हस्ताक्षर कर जारी किया पत्रपत्र-
तो वहीं एक और पत्र क्रमांक 1894 जोकि जनपद सीईओ जनपद पंचायत पथरिया द्वारा लोक सूचना अधिकारी ताराचंद खोबरागड़े एवं आवेदक के लिए प्रेषित करना बताया जा रहा है जोकि 28 दिसंबर 2022 को जारी किया गया है जिसमें जनपद सीईओ आशीष अग्रवाल के हस्ताक्षर किए गए हैं किंतु मजे की बात यह है कि जनपद सीईओ आशीष अग्रवाल 21 दिसंबर 2022 को ही निलंबित हो चुके हैं किन्तु 28 दिसंबर 2022 को उनके हस्ताक्षर सहित पत्र जारी किया जा रहा है अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में जिला अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है।