कार्यवाही शून्य पुलिस एवं जिला प्रशासन के अंदेखी से चोरी के हौसले बुलंद
सुदर्शन टुडे शहडोल
बुढ़ार। कोयलांचल क्षेत्र बुढ़ार, धनपुरी, जहां हर रोज सैड़को टन कोयला चोरी हो रहा, रोक लगाने वाले करणधार मूक दर्शक बने है, कोयला चोरी में जहां एस.ई.सी.एल. बुढ़ार साइडिंग एवं खदान में पहरेदार आंखे बंद कर लेते हैं, या सुविधा शुल्क लेकर चोरी को अभयदान दे रखा है, एस.ई.सी.एल. सोहागपुर के मुखिया का भनक नही, भारी मात्रा में कोयला स्टाक से गायब होने का कोई असर नही क्योकि भारत सरकार के साथ हो रहा है। उस कोयले की रक्षा करने के लिए भारत सरकार वेतन देती है, सुविधा उपलब्ध कराती है, पर वेतन पर्याप्त मात्रा में होने के बाद भी कोयला चोरी को रोक नही लगा पा रहे, क्योकि सुविधा शुल्क से ही उनकी रोटी पकती है। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस की व्यवस्था की गई है कि हर तरह की चोरियों में रोक लगायी जाए पर रोक लगाने की जगह पुलिस गाड़ी सिर्फ सायरन बाजाती नजर आती है। चोरी का कोयला आखिर कोयला जाता कहां
धनपुरी अमलई बुढ़ार तीन थाना करीब 10 कि.मी. की दूरी पर है, जहां देशभक्ति जनसेवा के पालनहार होते हुए उनके दरवाजों के सामने से नित रोज कोयला चोरी का खेल हो रहा है। इसी क्षेत्र में सैड़को ईटा भठ्ठा है, जहां कोयला से ही ईटा पकता है, आखिर कोयला आता कहां से है। कभी नही ली जाती खबर
देशभक्ति जनसेवा के पालनहार माइनिंग विभाग दोनों की जबावदारी होती है कि लाखों का कोयला चोरी का रातोदिन खुलेआम बिक रहा है। रोक नही लग पा रही। न तो कोई खोज खबर ली जाती है, कभी भी किसी भठ्ठे में जाकर स्थानीय पुलिस एवं माईनिंग नजारा तो देख लो।
भठ्ठो के संचालन के लिए अनुमति एवं नियम होते है।
ईटा भठ्ठो के चालाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति ली जाती है पर शायद ही कोई अनुमति ली गई हो, ईटा बनाने के लिए मिट्टी कहां से किसकी जमीन से ली जाती है, क्या लीज में है या लिखित अनुमति मालिक के साथ सरपंच एवं पालिका परिषद अध्यक्ष से मिली है। कभी तो पूछे अंखेरगर्दी खुलेआम चल रही है।
चोरी के कोयला से कहीं उद्योग धंधे तो नही चल रहे
जब सैकड़ो टन कोयला बुढ़ार, अमलई थाना क्षेत्र से अलग अलग साधनों से चोरी कर विक्री की जाती है, तो बुढ़ार के समीप संचालित उद्योग धंधे में तो चोरी का कोयला खपाया जा रहा है। क्योकि उद्योग धंधा (फैक्ट्री) में प्रतिमाह कोयला कितना खपत है, उतने टन कोयला कालरी से एरिया मुख्यालय द्वारा खरीदा जाता है, उतने टन से कैसे ज्यादा कोयला स्टाक में है या खपत में है। कहां से कोयला आया फिर कोयला बाहर भी बेच दिया जाता है इसकी जॉच तो जिला प्रषासन सक्षम अधिकारियेां से कभी किसी दिन कराकर बड़ी चोरी का पर्दाफास किया जाता है।
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