पचोर (हरीश भारतीय) दर्शन टुडे।
ग्राम कालियादेह में रामायण महाभारत एवं श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित सप्त दिवसीय गीता प्रवचन के अंतिम दिन प्रवचन कर्ता ब्रम्हाकुमारी सुरेखा दीदी ने आसुरी प्रवृत्ति और देवी प्रवृत्ति के विषय में समझाते हुए कहा कि जो आगे के जीवन की तैयारी करें वह बुद्धिमान है।
हमारे कर्म ही हमारे साथ जाएंगे। हमें भगवान की याद में रहकर भोजन बनाना है भगवान को भोग लगाकर फिर खाना या देवी प्रवृत्ति है। देरी से सोना देरी से उठना यह आसुरी प्रवृत्ति है। राम प्रवृत्ति अर्थात देवी प्रवृत्ति और रावण अर्थात आसुरी प्रवृत्ति। हमारे अंदर राम और रावण दोनों प्रवृतियां हैं जब हम अच्छाई का प्रयोग करते हैं तब हमारी राम प्रवृत्ति का हम उपयोग करते हैं और जब हम बुराई का प्रयोग करते हैं तब हम रावण प्रवृत्ति का उपयोग करते हैं। कथा के अंत में यज्ञ हुआ जिसमें सभी ने अपनी बुराइयां,कमी कमजोरियां हवन में स्वाह की इसके पश्चात सभी ने महाआरती की एवं विशाल भंडारेे का आयोजन हुआ। समापन कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष चंदर सिंह सोंधिया, ब्यावरा विधायक रामचंद्र दांगी, ब्यावरा जनपद पंचायत अध्यक्ष जगदीश गुर्जर, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम दांगी, दांगी समाज के जिला अध्यक्ष रामबगस दांगी , ग्राम मोर्चाखेड़ी से जिला पंचायत सदस्य विश्वनाथ दांगी, ग्राम आमलियाहाट से गोवर्धन दांगी, ग्राम आंदलहेड़ा से वर्तमान सरपंच जगदीश दांगी, ग्राम पढ़ोनिया से हजारीलाल दांगी, हरिप्रसाद दांगी सरपंच, ग्राम अरनिया से कैलाश डांगी, ग्राम सोनकच्छ से धन सिंह दांगी ,जीरापुर से पूर्व विधायक हजारीलाल दांगी के सुपुत्र बाबूलाल दांगी सहित ग्राम कलियादेह के समस्त ग्रामीणजन एवं आसपास के कई गांव से आए हुए लगभग 9000 की संख्या में भक्त श्रद्धालुओं ने एवं ब्रम्हाकुमारी से जुड़े जिले भर से आए हुए भाई बहनों ने श्रीमद्भगवद्गीता का लाभ लिया एवं भोजन प्रसादी ग्रहण की। साथ ही जिले भर से आई हुई ब्रम्हाकुमारी दीदीयों का ग्राम वासियों एवं समाज के गणमान्य लोगो द्वारा सौगात भेंट कर सम्मान किया गया।