बरेला जबलपुर समिप वटे्श्वर धाम पिपरिया में एक एकड़ से ज्यादा दायरे में एक वटवृक्ष फैला हुआ है जिसमे एक ही वृक्ष से 11 बररोह है प्रत्येक बररोह अपने आप में ही एक विशालकाय वृक्ष का रूप धारण किए हुए है वटवृक्ष के नीचे भगवान श्री राम दूत संकट मोचन अंजनी पुत्र केसरी नंदन पवन पुत्र हनुमान जी का अद्वितीय स्वरूप पैर में शनि देव को दबाए और हाथ में गदा और दूसरे हाथ में चूड़ामणि माता सीता जी के द्वारा भेजी निशानी हृदय में संजोए हुए हैं मान्यता है भगवान जी की मूर्ति उस समय की मानी जाती है जब भगवान श्री राम जी मां सीता की खोज में वन वन भटक रहे थे तब भगवान संकट मोचन जी द्वारा माता सीता खोज कर भेजी गई निशानी चूड़ामणि भगवान श्रीराम जी को दी गई एवं स्थान मे मां जगत जननी जगदम्बा की नो बहनों के साथ हरदोल बाबा भैरों बाबा बरसों पुराना पीपल का वृक्ष के नीचे बड़ी खेरमाई माता शनिदेव विराजमान हैं और बाल योग समिति के बच्चों द्वारा लिखा पौधों से जय श्री राम छोटे-छोटे उद्यान जहां अनेकों औषधि पौधे प्रत्येक वर्ष रोपे जाते हैं वटे्श्वर धाम पुजारी पंडित विजय पांडे, रानू तिवारी ,विवेक तिवारी ,शिवराम साहू, सरपंच राकेश सोनी, मुन्ना, मणिराम ,मोहन, हरगोपाल कुशवाहा,तेजी लाल,सूरज, एवं गांव के अनेकों लोग समिति में मौजूद हैं वटे्श्वर धाम मंदिर का भव्य और दिव्य निर्माण ज़ारी है इस स्थान की मान्यता है जो भी भक्त भगवान जी से मनोकामना की प्रार्थना करता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती हैं भगवान जी के दर्शन मात्र से संकटों का निवारण होता है