वहीं विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा देश की सत्ता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मेहनती और योग्यता पूर्ण व्यक्ति को उसका उचित स्थान मिलना चाहिए माननीय मुर्मू जी की जीत ने एक बार फिर दलित, वंचित, शोषित एवं देश के हर राज्य में स्थित आदिवासी समाज में एक ऊर्जा का संचार किया है आज यह समाज खुद को मुख्य धारा से जुड़ा हुआ महसूस करते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है जो एक मजबूत और नए भारत के लिए अति आवश्यक था क्योंकि राष्ट्र का निर्माण सबका साथ – सबका विश्वास से ही संभव है
वहीं दूसरी ओर बस दुःख इस बात का है कि तथाकथित विपक्ष ने श्री यशवंत सिन्हा जी को अपनी दोगली राजनीति का शिकार बनाया बल्कि सच तो यह है कि श्री सिन्हा जी का चुनाव हारना एक बहुत बड़ी सीख है साथ ही आईना है देश की भोली – भाली जनता के लिए देश की जनता इन महागठबंधन की पार्टियों की चाल चरित्र और चेहरा स्पष्ट रूप से देख रही है जो कि दम तो भरते है खुद को महागठंधन के रूप में संगठित होने का परन्तु इनकी एकता नील में डूबे शियार की भांति राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग रूपी बूंदों में धूल कर सामने आ गई जो कि जातिगत आधारित राजनीति एवं निजी स्वार्थ के वशीभूत होकर एक समाज विशेष का वोट बैंक साधने के चक्कर में खुद को सत्ता का शिकार बनाया और जनता के बीच अभिनय करते है लोकतंत्र की रक्षा के लिए महागठबधन का देश की जनता समझ रही है कि ये जनता की आवाज़ बनने के लिए महागठंधन है या सत्ता प्राप्ति के लिए महाठगबन्धन है अब जनता उनके बहकावे में नहीं आयेगी